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गौरी मैम को भाया पहाड़ी छोरा ऑस्ट्रिया की बिरगिट को सात समंदर पार लेकर आया प्यार कांगड़ा में आकर की शादी

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गौरी मैम को भाया पहाड़ी छोरा ऑस्ट्रिया की बिरगिट को सात समंदर पार लेकर आया प्यार कांगड़ा में आकर की शादी

प्यार करने वाले कभी डरते नहीं जो डरते हैं बो प्यार करते नहीं प्यार ऐसी चीज है इंसान तो क्या भगवान भी खींचे चले आते हैं सच कहते हैं प्यार अंधा होता है कहां से कहां तक पहुंचा देता है प्यार करने वालों के लिए सरहदें मायने नहीं रखतीं। ऐसी ही प्रेम कहानी है ऑस्ट्रिया के वियाना की रहने वाली बिरगिट की। यही प्यार ऑस्ट्रिया की बिरगिट को सात समंदर पार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ले आया। गोरी मैम को पहाड़ी छोरा भा गया। यहां बिरगिट ने गनोह पंजाहड़ा निवासी रमेश राज से हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लेकर एक-दूसरे को अपना जीवनसाथी बना लिया।शादी में भारतीय संस्कृति की झलक के साथ बैंड-बाजा भी बजाया गया।
कांगड़ा जिले के गनोह पंजाहड़ा निवासी देस राज कौंडल जून 1992 में ऑस्ट्रिया चले गए थे। इस दौरान 2003 में उन्होंने अपनी पत्नी सविता कौंडल व दोनों बेटों रमेश राज व दिनेश राज कौंडल को भी बुला लिया। 
उनका सारा परिवार व नव नवेली बहू ऑस्ट्रिया में सरकारी नौकरी करते हैं। देस राज कौंडल ने बताया कि उनकी बहू की ऑस्ट्रिया की सहेली ने नौकरी के दौरान बेटे रमेश राज की मुलाकात बिरगिट से करवाई। 
 यह मुलाकात जल्दी ही दोस्ती से बदलकर एक-दूसरे से जिंदगी भर का रिश्ता बनाने तक पहुंच गई। बेटे ने अपनी माता से इस विषय पर बात की। इसके बाद पिता ने भी शादी के लिए हामी भर दी। 
वहीं, बिरगिट के पिता लियोहार्ड रिचर्ड्स और माता गैबरिल जुपाक भी बेटी के प्यार के लिए शादी पर राजी हो गए। लेकिन बेटी की शादी देखने से पहले ही गैबरिल के पिता की मौत हो गई।

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