आईसीयू में कोरोना से जंग जीत लौटे गौरव सिंह
आईसीयू में कोरोना से जंग जीत लौटे गौरव सिंह
हरियाणा सीएसआर एडवाइजरी ट्रस्ट के रीजनल हेड-एडिशनल सीईओ
5 महीने की बेटी को वीडियो काॅल कर बढ़ाया अपना मनोबल
संक्रमण के दौरान नकारात्मक विचारों से बनाए रखी दूरी
चिकित्सकों से कहा इलाज कीजिए मै कोरोना से जीतूंगा
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम । करीब एक महीने जिंदगी-मौत से जूझने के बाद हरियाणा राज्य सीएसआर एडवाइजरी ट्रस्ट के रीजनल हेड एंड एडिशनल सीईओ 29 वर्षीय गौरव सिंह को डाक्टरों के प्रयासों ने नया जीवन देने का काम किया है। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से नकारात्मक विचारों से दूरी बनाई और सकारात्मक नजरिया अपनाते हुए कोरोना से अपनी जंग जीती।
कोरोना संक्रमण से अपनी लड़ाई के अनुभव सांझा करते हुए गौरव सिंह ने बताया कि उन्हें 29 अप्रैल को कोरोना के लक्षण महसूस हुए और उन्होंने अपने आप को घर में आइसोलेट कर लिया। टैस्ट करवाने पर 30 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पाॅजीटिव पाई गई। घर में अन्य सदस्यों का सैंपल करवाने पर उनकी मम्मी को भी संक्रमण पाया गया। उन्होंने डाॅक्टरी परामर्श लेते हुए घर में ही दवाईयां ली। करीब 3-4 दिन घर में ईलाज लेने के बावजूद जब गौरव को सांस लेने में परेशानी हुई तो डाॅक्टर ने उन्हें एचआरसीटी टैस्ट करवाने की सलाह दी। टैस्ट में उनके फेफड़ों में संक्रमण ज्यादा पाया गया। लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और कोरोना संक्रमण से अपनी इस लड़ाई का उन्होंने डटकर सामना किया। आॅक्सीजन लेवल गिरने पर डाॅक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जहां 2-3 दिन आॅक्सीजन स्पोर्ट पर रखने के बाद भी उनकी स्थिति खराब होती गई।
आक्सीजन लेवल 68 तक चला गया
गौरव सिंह का आक्सीजन लेवल 68 तक चला गया लेकिन उन्होंने हार नही मानी। उन्हें आईसीयू में शिफट कर दिया गया जहां वे करीब 10 दिन तक रहें। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले खुद की काउंसलिंग की और नकारात्मक विचारों व खबरों से दूरी बनाई। इस दौरान डाॅक्टरों की टीम ने भी उनका पूरा सहयोग किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे जल्द ही स्वस्थ होंगे। गौरव बताते है कि जब भी उनके मन-मस्तिष्क में नकारात्मकता का भाव जागृत होता तो वे अपनी 5 महीने की बेटी को वीडियो काॅल करते और अपनी बेटी की एक मुस्कुराहट से वे खिल उठते और अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करतें। अपनी इसी मानसिक परिपक्वता के चलते धीरे धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार आया। गौरव का कहना है कि कोरोना पर विजय उन्हें मिली, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी, इसलिए लोग संक्रमण के दौरान खुश रहने का प्रयास करें। इस दौरान वे प्रॉटीन युक्त आहार का सेवन करें और समय पर उचित डाॅक्टरी परामर्श से उपचार लेते रहें। इस दौराना भांप व काढा का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है। लोग घर का वातावरण सकारात्मक रखें।
विजय उन्हीं की जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह महामारी का दौर है। अनेक लोग इसकी चपेट में आए, लेकिन विजय उन्हीं को मिली है, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी। महामारी होने पर उन लोगों को ही जेहन में रखना चाहिए, जिन्होंने इस को हराया है। इस दौरान जहां तक संभव हो खुश रहने का प्रयास करें। वह सभी तरीके अथवा माध्यम अपनाएं, जिनसे व्यक्ति खुश रह सकता है। तनाव कतई न लें, प्रोटीन डाइट लें, ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें तथा उसी स्थिति में चिकित्सक का परामर्श ले, जब ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे आता है। उनका कहना है कि सामान्यतः 5 से 7 दिन में यह संक्रमण समाप्त हो जाता है। उनका कहना है कि समय पर जांच व उपचार आरंभ कर दिया जाए तो निश्चित रूप से व्यक्ति को विजय मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संक्रमण के दौरान सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।
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