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G20 India G20 की पहली संस्कृति कार्य समूह की बैठक खजुराहो में आयोजित होगी

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G20 India: G20 की पहली संस्कृति कार्य समूह की बैठक खजुराहो में आयोजित होगी

भारत G20 अध्यक्षता के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों को अपनी विभिन्न सांस्कृतिक विरासत और खान-पान की परंपराओं से अवगत कराने के लिए जी20 की बैठकों का आयोजन देश के कोने-कोने में कर रहा है। इसी क्रम में देश की सांस्कृतिक वस्तुओं और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए G20 की पहली संस्कृति कार्य समूह (CWG) की बैठक मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित होगी। CWG की चार दिवसीय बैठक का आयोजन 22 से 25 फरवरी, 2023 तक खजुराहो में होगा। इस बैठक की मेजबानी केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा की जा रही है। इस दौरान भारत के G20 कल्चर ट्रैक में ‘कल्चर फॉर लाइफ’ पर जोर दिया जाएगा। आइए जानते हैं कि इस बैठक में संस्कृति के किन अहम मुद्दों पर चर्चा होगी….

G20 की संस्कृति कार्य समूह बैठक में इन क्षेत्रों पर चर्चा

बता दें कि देश में संस्कृति और रचनात्मक उद्योग वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 3.1 प्रतिशत है। जबकि रोजगार में इसका 6.2 प्रतिशत योगदान है। इसलिए भारत की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए नई तकनीकी का उपयोग करना बेहद अहम है। वहीं इन सभी मुद्दों को वैश्विक मंच पर रखने के लिए भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान CWG की बैठकों में 4 क्षेत्रों पर चर्चा होगी।

भारत में संस्कृति कार्य समूह के 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्र है

  • सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और बहाली करना
  • एक सतत भविष्य के लिए जीवित विरासत का दोहन
  • सांस्कृतिक और रचनात्मकअर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और
  • संस्कृति के संरक्षण के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करना

खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में प्रदर्शनी

खजुराहो में सांस्कृतिक कार्य समूह की पहली बैठक में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यह प्रदर्शनी “पुन (विज्ञापन) पोशाक: खजाने की वापसी” विषय पर लगाई जाएगी। प्रदर्शनी का शुभारंभ केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में विदेशी प्रतिनिधियों को दिखाया जाएगा कि भारत आज भी कैसे इतनी पुरानी ऐतिहासिक संस्कृतियों को सजोए रखा है।

G20 प्रतिनिधि खजुराहो के विश्व धरोहर स्थलों को देखेंगे

दरअसल मध्यप्रदेश में प्राचीन शहर खजुराहो अपने राजसी मंदिरों और विस्तृत मूर्तियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। साथ ही खजुराहो के कुछ मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। इसीलिए संस्कृति कार्य समूह की पहली बैठक में G20 प्रतिनिधि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल पश्चिमी समूह के मंदिरों का दौरा करेंगे। इसके अलावा प्रतिनिधि पन्ना टाइगर रिजर्व भी घूमने जाएंगे। वहीं इस दौरान खजुराहो नृत्य महोत्सव व कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

भारत में G20 संस्कृति कार्य समूह की अन्य बैठकें

G20 प्रतिनिधियों को भारत अपने ऐतिहासिक शहरों से परिचित कराने के लिए जी20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक चार शहरों में आयोजित करेगा। CWG की पहली बैठक खजुराहो, दूसरी बैठक भुवनेश्वर, तीसरी बैठक हम्पी में होगी जबकि बैठक का अंतिम स्थान अभी तक तय नही हुआ है। हालांकि संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने बताया है कि खजुराहो में होने वाली पहली संस्कृति कार्य समूह की बैठक में सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और बहाली पर जोर दिया जाएगा।

बात करें खजुराहो के मंदिर की तो चंदेल राजवंश द्वारा 950-1050 ईस्वी के बीच यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, खजुराहो समूह के स्मारकों का निर्माण किया गया था। जबकि खजुराहो नागर शैली की वास्तुकला का सौंदर्य, जटिल और विस्तृत मूर्तियों से अलंकृत, उस समय की सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं में एक खिड़की की तरह काम करता है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 12 वीं शताब्दी ईस्वी में खजुराहो में मंदिर स्थल में 85 मंदिर थे। यह मंदिर 20 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए थे। हालांकि वर्तमान में खजुराहो में 86 मंदिर में से केवल 25 मंदिर ही बचे हैं और यह सिमटकर 6 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं।

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