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चारा ढोने से लेकर ‘एग्री-बिज़नेस क्वीन’ बनी पूजा शर्मा    

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चारा ढोने से लेकर ‘एग्री-बिज़नेस क्वीन’ बनी पूजा शर्मा    

राष्ट्रपति द्रारा ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से हो चुकी सम्मानित

पूजा के ब्रांड ‘क्षितिज’ से मिला 150 महिलाओं को रोज़गार

स्वंय सहायता समूह की मदद से 1,500 महिलाए प्रशिक्षित

एग्री स्टार्टअप्स के बीच ‘इनोवेटीव फार्मर’ का अवॉर्ड मिला

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
गुरुग्राम के चंदू गांव में पशुओं के लिए सर पर चारा ढोने से शुरु हुआ सफर आज एक सफल उद्यमी के रुप में अपनी पहचान बना चुका है। लेज़र वैली ग्राउंड मे चल रहे सरस आजीविका मेले के स्टाल नंबर 182 की पूजा शर्मा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक धारणा बनी हुई है कि उन्हे घर की चारदिवारी तक ही सीमित रहकर घरेलू कामकाज संभालना है।

लेकिन पूजा शर्मा ने गांव के चूल्हे चौके और पशुओं के लिए खेतों में चारा काटने से लेकर राष्ट्रपति से पुरुस्कार पाने तक का सफर काटों भरा रहा। एक मजबूत और फौलादी इरादे वाली पूजा के संघर्ष का सफर शादी के साथ ही 1999 से शुरु हुआ। 20 साल की आयु में एक संयुक्त परिवार से अलग हो चुकी पूजा ने खेती के माध्यम से परिवार की आजीविका के प्रबंधन में अपने पति का समर्थन करते हुए कदम आगे बढाए। गांव में सीमित रोज़गार के अवसर के बीच साल 2008 में पूजा ने ढाई हज़ार रुपये प्रति माह पर एक एनजीओ में नौकरी शुरु की। लेकिन 2 साल बाद ही बड़े सपने देखने वाली पूजा ने 2010 में ही ये नौकरी छोड़ एक गाय पाली और देखते ही देखते उनके पास 7 गाये हो गई। 2013 में शिकोहपुर गुरुग्राम के कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लेकर पूजा ने सोया नट्स, बाजरे के लड्डू, ज्वार मट्ठी जैसे तमाम एग्री-प्रोडक्ट्स बनाने शुरु किया और जल्द ही पूजा के प्रोडक्ट्स ने बाज़ार में अपनी बेहद खास जगह बना ली।

पूजा की सफलता में चार चांद 2014 में लगा जब स्वंय सहायता समूह ‘क्षितिज’ के माध्यम से उन्होंने अपने एग्री-प्रोडक्ट्स का विस्तार किया और सरस आजीविका मेले का हिस्सा बनकर देश के बड़े-बड़े शहरों में गई और अपने एग्री-प्रोडक्ट्स की बिक्री के साथ-साथ मार्केटिंग की। 2016 में ही पूजा को पहली बार दिल्ली के पूसा कृषि विज्ञान मेले में पहचान मिली जहां उन्हें देश के कोने-कोने से आए एग्री स्टार्टअप्स के बीच ‘इनोवेटीव फार्मर’ का अवॉर्ड मिला।

पूजा के ब्रांड ‘क्षितिज’ का बाजार आज देश के बड़े-बड़े सुपर बाज़ार से लेकर पांच सितारा होटलों तक पहुंच चुका है। ‘क्षितिज’ स्वंय सहायता समूह के मदद से 1,500 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी पूजा शर्मा 150 महिलाओं को रोज़गार भी दे रही हैं। 8 मार्च, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूजा शर्मा को महिला सशक्तीकरण की दिशा में असाधारण कार्य करने के लिए ‘नारी शक्ति पुरस्कार’से सम्मानित किया। पूजा शर्मा का इरादा अपने एग्री-प्रोडक्ट्स को विदेशी बाजार के ‘क्षितिज’ तक पहुंचाना है।

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