रेलवे में भर्ती के नाम पर ठगी, वाराणसी में तीन माह की ट्रेनिंग भी कराई, विजिलेंस ने एक को दबोचा
रेलवे में भर्ती के नाम पर ठगी, वाराणसी में तीन माह की ट्रेनिंग भी कराई, विजिलेंस ने एक को दबोचा
विजिलेंस टीम ने रेलवे भर्ती घोटाले में एक व्यक्ति को 20 हजार रुपये लेते गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने दो नौजवानों को टिकट निरीक्षक लगाने की एवज में नौ लाख रुपये वसूले थे। आरोपी एक कांग्रेस नेता का नजदीकी बताया जा रहा है। इस पूरे खेल में दिल्ली रेलवे हेडक्वार्टर के दो क्लर्क भी शामिल हैं।
आरोपियों ने नियम मुताबिक रेलवे में मेडिकल, ट्रेनिंग व इंक्वायरी तक करवाई थी और डाकघर के माध्यम पत्र भेजे थे। मंगलवार को उक्त आरोपी पुराने काम को कराने के लिए 20 हजार और मांग रहा था, जिसे विजिलेंस ने काबू किया है। थाना विजिलेंस फिरोजपुर ने मंगलवार को रेलवे के दो क्लर्क समेत तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पीड़ित मंगल सिंह निवासी गांव अलीके ने विजिलेंस अधिकारियों को दी शिकायत में कहा कि उसके दो बेटे नसीब सिंह व गुरप्रीत सिंह हैं। उसका भाई मेजर सिंह उनके साथ रहता है।
मेजर ने उससे कहा कि उसके दोस्त दलजीत सिंह निवासी दुलचीके जिला फिरोजपुर की रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से जान-पहचान है। वह मेरे दोनों बेटे की रेलवे में नौकरी लगवा देगा। इस संबंध में दलजीत से बातचीत की तो उसने कहा कि रेलवे में टिकट निरीक्षक लगाने के छह लाख रुपये और गैंगमैन भर्ती करवाने के चार लाख रुपये लगेंगे। मंगल ने दलजीत से साढ़े चार-चार लाख में सौदा तय कर लिया। दलजीत ने कहा कि धनराशि तीन किश्तों में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये करके देनी होगी। मेडिकल का लेटर डाकघर के माध्यम से आने पर दोनों बेटों की पहली किश्त दलजीत को दे दी। दिल्ली रेलवे अस्पताल में दोनों बेटों का 525-525 रुपये की रसीद
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