चार पुरुषार्थ
आज के वैदिक विचार-
चार पुरुषार्थ
(मनुष्य के उद्देश्य और लक्ष्य का विषय)
(1 ) धर्म :- सत्य का ग्रहण करना और असत्य का त्याग करना, ईश्वर की आज्ञा का पालन करना, वेद आदि शास्त्रों के अनुसार आचरण करना तथा जिसके धारण करने से अपना, समाज का और राष्ट्र का भी कल्याण हो, वह धर्म कहलाता है।
(2) अर्थ :- धर्मपूर्वक धन अर्जन करना अर्थ है अर्थात् झूठ, छल, कपट, धोखा आदि दुर्व्यवहारों को छोड़कर सच्चाई व ईमानदारी पूर्वक धन कमाना अर्थ कहलाता है।
(3) काम :- धर्मपूर्वक जो धन अर्जन किया है उस धन से अपनी कामनाओं की पूर्ति करना काम कहलाता है।
(4) मोक्ष :- जन्म, मरण आदि संसार के समस्त दु:खों, कष्टों, रोगों तथा भय, बंधन आदि से पूर्णतया छूट जाना एवं परम सुख शान्ति, पूर्ण स्वतंत्रता व निर्भयता को प्राप्त कर ईश्वरीय आनन्द में ही सर्वदा मग्न रहना मोक्ष कहलाता है।
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