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19 लाख के मोबाइल चोरी के चार आरोपी को दबोचा

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19 लाख के मोबाइल चोरी के चार आरोपी को दबोचा

मोबाईल बोक्स की पैकिंग-बार कोड व सील को करते थे लीक

दिल्ली से बनी फर्जी बार कोड व सील से वारदात को अन्जाम दिया

स्कॉर्पियों कार, चोरी के 53 मोबाईल फोन पुलिस ने किए गए बरामद

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
   ट्रक चालक द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अमेजन कंपनी के ट्रक से 19 लाख रुपयों की कीमत के मोबाईल फोन चोरी व गबन करने की वारदातों को अन्जाम देने वाले ट्रक चालक व उसके 03 साथियों सहित इस गिरोह के कुल 04 आरोपियों को अपराध शाखा मानेसर, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने  काबू किया है। इस विषय में एसीपी क्राइम गुरूग्राम प्रीतपाल सिंह के द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई।

आरोपी ट्रक चोलक सामान लोड होते ही मोबाईल से बोक्स की पैकिंग के बार कोड व सील इत्यदि सम्बन्धी सूचनाएं भेजता था, जिनके आधार पर इसका साथी दिल्ली से फर्जी बार कोड व सील इत्यादि बनवाकर आते थे ।  आरोपी चलती हुई गाङी में लोड समान के बोक्स की सील तोङकर बोक्स से सामान निकालने के बाद उस बोक्स पर उसके द्वारा पहले से तैयार की गई फर्जी सील लगाकर कर पैक कर देते थे। आरोपियों द्वारा वारदात को अन्जाम देने में प्रयोग की गई 01 स्कॉर्पियों कार व चोरी किए गए 53 मोबाईल फोन पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से किए बरामद गए । इस प्रकार से वेयरहाऊस की गाङियों से मोबाईल फोन चोरी करके गबन करने के कुल 02 मामले भी सुलझे।’

बहानाबाजी कर ड्राईवर घर चले गये
थाना फरुखनगर पुलिस को मोनू शर्मा सुपरवाइजर परएएफ लोजिस्टिक शाॅप नंबर -8 धनखड़ मार्केट बिलासपुर  से शिकायत प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि इनकी कंपनी से बंद बाॅडी कंटेनर भिवाडी  के लिये लोड हुआ था, जिसमें 787 बाक्स  लोड किए गए थे। इस ट्रक लेकर 02 ड्राईवर फर्रूखगर से भिवाडी  के लिये रवाना हुए थे तथा भिवाडी अमेजन वेयर हाउस  पहुंच गए, वहां अमेजन में गाङी खाली करके लखनऊ के लिये रवाना हुए।  लखनऊ माल खाली करके इनकी  राठीवास में वापिस आ गए। इस ट्रक के दोनों ड्राईवर  को यह बोलकर की उन्हें उनके घर पर जरूरी काम पड गया है। इसलिए वह घर जाना चाहते है तथा यह कहा कि वह 4-5 दिन के बाद वापिस गाडी पर आ जायेंगे। गाडी को पार्किंग  में खडा कर, दोनों ड्राईवर घर चले गये। इन्हें बाद में ईमेल  द्वारा सूचना मिली कि गाडी जो भिवाडीे  में 15 फावरी को खाली हुई थी, उसमें माल कम पाया गया है। गाडी में जो बोक्स लोड  किये थे, उनके अंदर से माल गायब है, अथवा कुछ बाक्स को रिपैक  किया गया है और अंदर बाक्स भी  खाली पाये गये। इस गाडी में बहुत अधिक माल कम पाया गया है, अथवा चोरी किया गया है।  इस मामले में लाखों रुपयों का सामान गबन किए जाना जब के.के. राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम के संज्ञान में आया तो उन्होंनें इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए प्रीतपाल, सहायक पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीमों का गठन करके उपरोक्त अभियोग की वारदात को अन्जाम देने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए उचित दिशा-निर्देश व आदेश देकर तैनात किया ।

आरोपियों को गुरूवार को काबू  किया 

वारदात को अन्जाम देने वाले आरोपियों को पकङने के लिए उप-निरीक्षक अमित कुमार, प्रभारी अपराध शाखा मानेसर, गुरुग्राम द्वारा अपनी समझबुझ से उपरोक्त अभियोग में वारदात को अन्जाम देने वाले 04 आरोपियों को गुरूवार को काबू करके बङी सफलता हासिल की। आरोपियों की पहचान केशव कुमार पुत्र रविकरण निवासी गाँव वीरनगरिया, थाना गौन्डा, जिला अलीगढ, उत्तर-प्रदेश, कपिल  कुमार पुत्र नेपाल सिंह निवासी गाँव गणेशपुर, थाना पेशवा, जिला अलीगढ, उत्तर-प्रदेश, लोकेश पुत्र सुलतानसिंह निवासी गाँव वीरनगरिया, थाना गौन्डा, जिला अलीगढ, उत्तर-प्रदेश और अमित कुमार पुत्र गजेसिंह निवासी गाँव समन्ध नागर, थाना इस्लामपुर, जिला बदायु, उत्तर-प्रदेश के रूप में की गई है। आरोपी अमित कुमार को बिलासपुर चैक से व स्कॉर्पियों कार में सवार होकर अन्य वारदात को अन्जाम देने जा रहे उक्त तीनों आरोपियों केशव, कपिल व लोकेश को पंचगाँव चैक से रंगेहाथ काबू’ करके उपरोक्त मामले में गिरफ्तार किया गया।

फिल्मी स्टाइल में करते चोरी
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उक्त आरोपी अमित कुमार फरुखनगर वेयरहाऊस से गाङी लोङ करवाकर भिवाडी के लिए रवाना हुआ था। यह गाङी लोड होते समय गाङी में लोड किए गए बॉक्स के बार कोड व पैकिंग सील इत्यादि की जानकारी मोबाईल फोन से अपने साथी कपिल को भेज देता था, जिनके आधार पर कपिल दिल्ली से फर्जी बार कोड व पैकिंग सील इत्यादि तैयार करवा लेता था। इसके बाद रास्ते में चलती हुई गाङी में सवार हो जाते थे तथा जिन बॉक्स में मोबाईल फोन होते उनकी सील तोङकर मोबाईल फोन निकाल लेते तथा इनके द्वारा फर्जी तरीके से तैयार कराई गई पैकिंग सील से वापिस बॉक्स को पैक कर देते। ये चलती हुई गाङी में वारदात को अन्जाम देते थे । ताकि गाङी में लगे जी.पी.एस. से गाङी चलती हुई दिखाई दे और किसी को शक ना हो। इनका साथी लोकेश स्कार्पियों गाङी में सवार होता था जो ट्रक से साथ-साथ ही अपनी स्कॉर्पियों गाङी को चलाता हुआ चलता था। मोबाईल फोन चोरी करने के बाद ये चोरी किए गए सामान के साथ स्कॉर्पियों गाङी में सवार होकर भाग जाते थे। उपरोक्त अभियोग में भी इन्होनें इसी प्रकार से वारदात को अन्जाम दिया था। मोबाईल फोन चोरी करने के बाद इन्होनें उन मोबाईल फोन को इनके द्वारा पहले से ही नोएडा में किराए पर लिए हुए कमरे में ले जाकर छुपा दिया।

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