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पूर्व मंत्री कैप्टन अजय ने निगम कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा

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पूर्व मंत्री कैप्टन अजय ने निगम कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा

गुरूग्राम निगम कमिश्नर की शिकायत विधानसभा स्पीकर तक पहुंची

अधिकारी जिम्मेदारी से भाग रहे जनप्रतिनिधियों के फोन नही उठाते

मामले की शिकायत कांग्रेस व भाजपा ने नेता भी करते आ रहे

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
  कोरोना काल में बहूत से अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे हैं और जनप्रतिनिधियों तक के फोन नही उठाते हैं। इसकी शिकायत कांग्रेस व भाजपा ने नेता भी काफी दिनों से करते आ रहे हैं। इसी कडी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने गुरूग्राम के नगर निगम कमीश्रर विनय प्रताप सिंह की शिकायत हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता से की है।

15 बार विनय प्रताप को फोन किया
कैप्टेन अजय सिंह यादव ने चंडीगढ में स्पीकर से मिलकर लिखित में विनय प्रताप सिंह की शिकायत की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि विनय प्रताप सिंह जिनको कोरोना काल में गुरूग्राम का नोडल अधिकारी भी बनाया है। गुरूग्राम के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के अलावा अन्य जिम्मेदारी इन दिनों नगर निगम कमिश्रर विनय प्रताप सिंह देख रहे हैं। लेकिन वो अपनी जिम्मेदारी को नही निभा रहे हैं। वे न तो किसी से मिलते हैं और न ही किसी का फोन उठाते हैं।  अपनी शिकायत में कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि जैसा कि आपको पता ही है कि कोरोना महामारी ने अपने पैर जमा लिए हैं, गुरूग्राम में बहूत से लोग महामारी के शिकार हो चुके हैं। ऐसे में बहूत से लोग मदद के लिए मेरे पास फोन करते हैं और मेरे द्वारा कई बार प्रयास करने के बाद भी विनय प्रताप सिंह फोन नही उठाते हैं और न ही किसी मैसेज का जवाब देते हैं। गत 1 व 2 मई को मैंने कम से कम 15 बार विनय प्रताप सिंह को फोन किया व मैसेज भी किए। लेकिन विनय प्रताप सिंह ने एक बार भी कोई जवाब नही दिया।

रोजाना बेकसूरों की जान रही
मैं 6 बार विधायक रहा हूं, कई बार मंत्री और सीएलपी लीडर भी रहा हूं। इसके अलावा मैंने 2019 में गुरूग्राम लोकसभा से चुनाव भी लडा था। मेरे जैसे जनता के प्रतिनिधि तक का फोन विनय प्रताप सिंह नही उठाते हैं तो फिर आम जनता की क्या जिम्मेदारी निभा रहे होगें। पूरे गुरूग्राम में हाहाकार मचा हुआ है, अस्पतालों में जगह नही है, आक्सीजन नही है, वेंटिलेटर नही हैं, रोजाना बेकसूरों की जान रही है और अधिकारियों का ऐसा रवैया समझ से परे है। जनता को स्वयं ऑक्सीजन, स्वयं वेंटिलेटर और स्वयं ही दवाईयां ढूंढनी पड रही है। इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि ऐसे समय में भी जो अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नही निभा रहा हो, ऐसे अधिकारी के खिलाफ मामले को संज्ञान में लेते हुए ऐसे लापरवाह अधिकारी पर उचित कार्रवाई की जाए।

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