किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा, तो होगा महाभारत: नवीन जयहिन्द
किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा, तो होगा महाभारत: नवीन जयहिन्द
किसान 1810 एकड़ जमीन के लिए 1810 लठ्ठ तेल लगा कर तैयार रखे
किसानों-प्रभावितों के हित में नवीन ने मंगल को दंगल की कही बात
किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे नही ंतो नहीं देंगे
सरकार 1894 के कानून को आड़ में किसानों से जमीन हड़पना चाहती
फतह सिंह उजाला
मानेसर/पटौदी। किसानों द्वारा 1810 एकड़ जमीन के भूमि अधिग्रहण को रद्द करवाने के लिए मानेसर निगम क्षेत्र में ततहसील के सामने चल रहे अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर क्रांतिकारी नवीन जयहिन्द भी किसानों को अपना समर्थन देने के लिए मंगलवार को धरने पर पहुँचे। किसानों को अपना तन-मन-धन से समर्थन देने की बात कही। नवीन जयहिन्द ने सीएम खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि ये जमीन किसी के बाप की घर की जमीन नही, ये जमीन किसानों और 36 बिरादरी की जमीन हैं। अगर किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे ओर किसानों का मन नही करेगा तो किसान सरकार को जमीन नही देगे। सरकार को किसानों के साथ दबाव की राजनिति नही करनी चाहिए। जयहिन्द ने कहा कि देश 1947 मे आजाद हो चुका हैं और अंग्रेज देश को छोड़कर जा चुके हैं। लेकिन खट्टर सरकार किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 के कानून को ढाल बनांकर किसानों से जमीन हड़पना चाहती हैं, जो कि न्याय संगत नही हैं। जयहिन्द ने कहा कि अंग्रेजो के काले कानून किसानों पर थोपना गलत हैं और 36 बिरादरी किसानो के साथ हैं।नेता, विधायक, और सांसद कमजोर
जयहिन्द ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि जिस इलाके में आप रहते हो ये इलाका वीरों की भूमि रहा हैं, यहां के लोग उन्ही वीरों की संतानें हैं। लेकिन यहां के नेता, विधायक, और सांसद कमजोर हैं जो किसानों की आवाज नही उठा रहे। अगर विधायक और सांसद किसानों की आवाज उठाएं तो सरकार की इतनी हिम्मत नही हैं कि वो किसानों की जमीन किसानों से छीन ले। जयहिन्द ने सीएम आवास का नाम मुख्यमंत्री द्वारा कबीर कुटीर रखने पर भी तंज कसा ओर मुख्यमंत्री आवास का नाम मुख्यमंत्री के कार्याे के कारण कबीर कुटीर की जगह कंस कुटीर रखने की बात दोहराई ओर कहा कि उस कंस को मारने वाले ये ही किसान हैं जो समय आने पर कंस को मार देंगे।पहरावर में 16 एकड़ जमीन ली
नवीन जयहिन्द ने किसानों को पहरावर गांव में स्थित गौड़ संस्था की जमीन का उदहारण देते हुए बताया कि सरकार द्वारा ब्राह्मणों की 16 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, लेकिन समाज की 36 बिरादरी ने मिलकर सरकार से उस जमीन को फरसे के दम पर वापिस छीन लिया, जबकि ये गुरुग्राम की जमीन तो 1810 एकड़ रकबा हैं। जिसे किसी भी कीमत पर सरकार के हवाले नही किया जाएगा।हक की लड़ाई में पीछे नही हटें
जयहिन्द ने किसानों को यदुवंशी भगवान कृष्ण से प्रेरणा लेने की बात कही और वर्तमान में इन कलयुग के कंस का नाश करने के लिए एक आवाज बनकर लड़ने की बात कही । अगर मिलकर इस कंस की सरकार से लड़ाई नही लड़ सकते तो यदुवंशी भगवान श्री कृष्ण का नाम लेने का कोई फायदा नही हैं। क्योकि भगवान श्री कृष्ण ने अपना चक्कर कंस का वध करने के लिए उठाया था और अब कलयुग के इस कंस को खत्म करने के लिए और अपने हक के लिए सभी किसान अपने अपने हथियार लठ्ठ उठा लो । हमे किसी से लड़ना नही हैं, लेकिन अपने हक के लिए पीछे भी नही हटना हैं। अपने हक की लड़ाई लड़़ते हुए प्राण भी चले जाएं , लेकिन हक की लड़ाई में पीछे नही हटना चाहिए।
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