टीबी पीड़ित की पहचान व इलाज गाइडलाइन का पालन करें :एडीसी
टीबी पीड़ित की पहचान व इलाज गाइडलाइन का पालन करें :एडीसी
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की अवहेलना पाए जाने पर होगी कार्यवाही
सरकार ने वर्ष-2025 तक देश को टीबी मुक्त करवाने का लक्ष्य तय किया
बैठक में निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों द्वारा भी भाग लिया गया
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में मंकीपॉक्स , कोविड वैक्सीनेशन, एनीमिया मुक्त हरियाणा, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, पल्स पोलियो अभियान को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। बैठक में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। एडीसी ने बैठक में उपस्थित निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि वे टीबी की बिमारी से संक्रमित व्यक्ति की पहचान से लेकर उसके ईलाज के लिए निर्धारित मानदंडों का गंभीरता से पालन करें। ऐसा नही करने वालो के खिलाफ जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा और उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
एडीसी बुधवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया। बैठक में सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए बताया कि सरकार द्वारा वर्ष-2025 तक देश को टीबी मुक्त करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी कड़ी में जिला में टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार द्वारा टीबी के मरीज की स्क्रीनिंग को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए है जिनकी पालना सभी के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है कि निजी अस्पतालों द्वारा टीबी के मरीजों के ईलाज के दौरान निर्धारित मानदंडों की अवहेलना की जा रही है और अस्पतालों द्वारा निक्षय पोर्टल पर डेटा अपडेट करने को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी और ऐसा करने वाले अस्पतालों से अब जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में टीबी से ग्रस्त मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपये की राशि मासिक दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह राशि टीबी संक्रमित मरीज की दी जाती है लेकिन यदि कोई मरीज इस राशि को लेने से मना करता है तो अस्पताल मरीज से फार्म भरवाते हुए इसकी अंडरटेकिंग अवश्य ले। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वर्तमान में एक लाख की जनसंख्या पर 256 टीबी संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है जिसे इस वर्ष के अंत तक 40 मरीज प्रति एक लाख की जनसंख्या पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि टीबी संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जून माह में अलग-अलग स्थानों पर कैंप लगाते हुए टीबी संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है। इसी कड़ी में 6 जून को जिला में 230 लोगों तथा 7 जून को 573 लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए इन दोनो दिन 101 लोगों के सैंपल लेते हुए जांच के लिए भेजे गए।
मंकीपॉक्स पर पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन
बैठक में मंकीपॉक्स बिमारी की तैयारियों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में उप सिविल सर्जन डा. जयप्रकाश ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से मंकीपॉक्स बिमारी की पहचान करने से लेकर इस संबंध में किए जाने वाले डूज एंड डोन्ट्स को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बिमारी के संक्रमित व्यक्ति की ट्रेवल हिस्ट्री होनी अत्यंत आवश्यक है। इसके लक्षणों में मुख्य रूप से बुखार, सिर दर्द , शरीर पर रेशेज होना, थकावट, अलसर होना, ठंड लगना या पसीना आना , गले में खराश होना आदि शामिल है। उन्होंने कहा हालांकि देश में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी मामला सामने नही आया है लेकिन हमें इस बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों को मंकीपॉक्स की बिमारी की पहचान के अलावा, अस्पताल परिसर में किए जाने वाले प्रबंधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन इस बिमारी को लेकर अफवाह फैलाने से बचे। ऐसा करने से लोगों में घबराहट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि इस बारे में कोई संदिग्ध मामला अस्पताल प्रबंधन को मिले तो तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें।
19 जून से 21 जून तक पल्स पोलियोे अभियान
बैठक में बताया गया कि जिला में 19 से 21 जून तक पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 19 जून को बूथों पर पोलियो रोधी दवा पिलाई जाएगी जबकि 20 व 21 जून को घर-घर जाकर 5 साल के कम आयु वर्ग के बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाई जाएगी। इसके अलावा, 22 जून को गुड़गांव गांव व आस पास के क्षेत्र, खांडसा तथा दौलताबाद के आस पास के क्षेत्रों में भी घर -घर जाकर बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाई जाएगी। इस अभियान के तहत बच्चों को बायोवैलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन पिलाई जाएगी। अतिरिक्त उपायुक्त ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे 19 जून से शुरू होने वाले पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें और 5 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को दवा पिलाना सुनिश्चित करें।
एनीमिया मुक्त हरियाणा व कोरोना बूस्टर डोज पर चर्चा
इसी बैठक में एनीमिया मुक्त हरियाणा तथा कोरोना रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने कोरोना रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने के कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि जिला में जिन लोगों ने अभी तक कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज नही लगवाई है वे जल्द से जल्द इसे लगवाना सुनिश्चित करें ताकि हम अपने साथ साथ अपने संपर्क में आने वाले अन्य लोगों का भी इससे बचाव कर सकें। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव के अलावा, उप सिविल सर्जन डा जयप्रकाश, डा. केशव , डा. अमन सहित कई अन्य विभागों के अधिकारीगण तथा निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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