दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर पर शिफ्ट की गई पहली एक्सट्रा हाई टेंशन लाइन
दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर पर शिफ्ट की गई पहली एक्सट्रा हाई टेंशन लाइन
-कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन पर डिस्ट्रिब्यूशन लाइनों को किया जा रहा अंडरग्राउंड
प्रधान संपादक योगेश
दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर के सिविल निर्माण कार्य से पूर्व प्रीकन्स्ट्रकशन कार्य के तहत कॉरिडोर के बीच में आ रही एक्सट्रा हाई टेंशन (ईएचटी) और डिस्ट्रिब्यूशन (पावर लाइंस) लाइंस की मॉडिफिकेशन और शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है। इस पूरे सेक्शन पर आरआरटीएस वायाडक्ट (पुल) निर्माण के लिए कुल 21 एक्सट्रा हाई टेंशन (ईएचटी) लाइनों को शिफ्ट किया जाना है। इस प्रक्रिया में मानेसर और नीमराना के बीच केएमपी फ्लाईओवर के नजदीक पहली 400 केवी की हाई टेंशन लाइन (ईएचटी) लाइन सफलतापूर्वक शिफ्ट कर दी गई है।
आरआरटीएस कॉरिडोर निर्माण प्रारम्भ होने से पहले, कॉरिडोर के रास्ते में रुकावट पैदा करने वाली ईएचटी और डिस्ट्रिब्यूशन लाइनों को शिफ्ट या मॉडिफाइ किया जाता है, ताकि कॉरिडोर का सिविल निर्माण कार्य शुरू होने के समय ऐसी ईएचटी और डिस्ट्रिब्यूशन लाइनें रुकावट पैदा न करें। प्रोजेक्ट में यह रिस्क मिटिगेशन का पार्ट है, जिससे प्रोजेक्ट को टाइम पर पूरा करने में मदद होती है। इन लाइनों को कॉरिडोर के रास्ते से हटाने के बाद सिविल निर्माण कार्य शुरू किया जाता है। दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद एनसीआरटीसी इस पर काम प्रारम्भ के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस कॉरिडोर के दिल्ली का पूरा सेक्शन अंडरग्राउंड होगा और गुरुग्राम में यह कॉरिडोर आईडीपीएल पर एलिवेटेड हो जाएगा। आईडीपीएल से एसएनबी तक 2 स्टेशनों को छोड़कर पूरा सेक्शन एलिवेटेड होगा।
इसके अलावा आईडीपीएल (गुरुग्राम) से एसएनबी (70 किमी एलिवेटेड सेक्शन) तक के डिस्ट्रिब्यूशन लाइंस को भी शिफ्ट किया जाना है। पूरे एलिवेटेड कॉरिडोर के साथ साथ चलने वाली डिस्ट्रिब्यूशन लाइंस को पूरी तरह से अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। वर्तमान में ये सभी लाइनें ओवरहेड हैं।
इन डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों को एक सर्किट के बदले डबल सर्किट में परिवर्तित किया जाएगा, ताकि भविष्य में इन लाइनों में फ़ाल्ट की संभावना न्यूनतम रहे, और आधारभूत सरंचनाओं में परिवर्तन का लाभ लंबे समय तक लोगो को मिलता रहे।
डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को अंडरग्राउंड करने का यह कार्य एनसीआरटीसी 4 पैकेज में कर रहा है। पहले पैकेज का काम पूरा हो गया है, जिसके तहत आईडीपीएल (गुरुग्राम) से राजीव चौक (गुरुग्राम) तक के सभी डिस्ट्रिब्यूशन लाइन को अंडरग्राउंड कर दिया गया है।डिस्ट्रिब्यूशन लाइंस के जरिये लोगों के घरों में बिजली की आपूर्ति होती है।
आईडीपीएल से कटारिया चौक तक के क्षेत्र के स्ट्रीट पोल भी शिफ्ट कर दिए गए हैं।
दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर का यह पहला फेज है और इसकी लंबाई सराय काले खां दिल्ली से एसएनबी तक कुल 107 किमी है। इस कॉरिडोर का 83 किमी हिस्सा हरियाणा में, 22 किमी दिल्ली में और 2 किमी राजस्थान में होगा। इस पूरे कॉरिडोर का 70.5 किमी का हिस्सा एलिवेटेड होगा, जिसमें से 68.5 किमी हरियाणा में और 2 किमी राजस्थान में होगा, जबकि कारिडोर का 36.5 किमी का हिसा भूमिगत होगा, जिसमें से 22.5 किमी दिल्ली में और 14 किमी हरियाणा में होगा।
इस कॉरिडोर की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को संबन्धित तीनों राज्यों की सरकारें मंजूरी दे चुके हैं, और यह अभी केंद् सरकार के विचारधीन है। इस कॉरिडोर का दूसरा चरण एसएनबी-सोतनाला तक होगा, जबकि इस कॉरिडोर का तीसरा चरण एसएनबी से अलवर तक प्रस्तावित है।
पहले चरण में क्रियान्वित की जा रही दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली में आने वाले चार आरआरटीएस स्टेशनों में सराय काले खां (एलिवेटेड) व आईएनए, मुनिरका और एयरोसिटी भूमिगत होंगे। इसके आगे 12 स्टेशन हरियाणा में होंगे। इनमें उद्योग विहार, सैक्टर-17 और राजीव चौक आरआरटीएस स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जबकि इनके आगे खेकरी दौला और मानेसर आरआरटीएस स्टेशन भूमिगत होंगे।
इसके आगे पंचगाँव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल और एसएनबी आरआरटीएस स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
दूसरे चरण में इस कॉरिडोर पर एसएनबी से आगे शाहजहाँपुर, नीमराना, बेहरोर और सोतनाला आरआरटीएस स्टेशन बनेंगे। इसके बाद तीसरे चरण में एसएनबी से अलवर के लिए कॉरिडोर का विस्तार होगा।
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