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पंजाब में मनरेगा में जमकर धांधली, मजदूरों को भुगतान नहीं

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कैग की रिपोर्ट में खुलासा: पंजाब में मनरेगा में जमकर धांधली, मजदूरों को भुगतान नहीं, मृतकों के बने जॉब कार्ड

पंजाब में छह साल के दौरान मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत अंधाधुंध धांधलियां उजागर हुई हैं। कई जगह कामगारों को उनका मेहनताना नहीं दिया गया तो कहीं माल सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया गया। कई मामलों में ऐसे लोगों को पैसे की अदायगी दिखाई गई, जो इस दुनिया से जा चुके हैं। कई जगह भुगतान न होने पर ठेकेदारों ने माल की सप्लाई रोक दी और प्रोजेक्ट अधूरे रह गए

लेकिन अफसरों ने प्रोजेक्ट पूरे दिखाकर सरकारी पैसा हजम कर लिया। कुछ स्थानों पर तो प्रोजेक्ट की एक ईंट भी नहीं लगाई और अदायगी पूरी ले ली गई। भारत के कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने पंजाब विधानसभा में पेश की अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। कैग की पहली रिपोर्ट के अनुसार, 2016 से 2021 के दौरान मनरेगा के तहत विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए 743 करोड़ रुपये का सामान खरीदा गया, जिसमें सीमेंट, ईंटों सहित निर्माण सामग्री शामिल है। यह सामान सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को 381.42 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया,

जिसके चलते सप्लायर ठेकेदारों ने बाकी सामान की डिलीवरी रोक दी और प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। बावजूद इसके अफसरों ने प्रोजेक्ट पूरे होने की रिपोर्ट दाखिल कर दी। कैग के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट स्थलों का दौरा कर पाया कि ज्यादातर प्रोजेक्टों का काम अधूरा है। अपनी रिपोर्ट में कैग ने संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करते हुए गबन किए गए पैसे की वसूली की बात कही है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मनरेगा योजना के लिए पात्र व्यक्तियों का चयन सुनिश्चित करने के लिए अफसर डोर-टू-डोर सर्वे

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