पापा अकेले हो अहमदाबाद में लंदन आ जाओ, फादर्स डे से मौत को मिल गया बहाना
पापा अकेले हो अहमदाबाद में लंदन आ जाओ, फादर्स डे से मौत को मिल गया बहाना
अहमदाबाद : एयर इंडिया विमान हादसे में हर दिन मृतकों की दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. कई कहानियां तो ऐसी हैं, जो इस कड़वे सच को मान लेने पर मजबूर कर रही हैं, कि मौत जब आनी होती है तो उसे बहाना मिल ही जाता है और कड़ियां जुड़ती चली जाती हैं. लेकिन कई बार मौत इस तरह भी आती है कि परिवार के लोगों को जीवनभर का जख्म दे जाती है. ऐसी ही कहानी है अहमदबाद में रहने वाले एक पिता और लंदन में रहने वाले उनके बच्चों की.
बेटे ने फादर्स डे के लिए पिता को लंदन बुलाया था
दरअसल, अहमदाबाद के सेक्टर 29 में रहने वाले वैष्णव रमनलाल पारिख अपने बेटे कुणाल और बेटी जान्हवी पारिख से मिलने फादर्स डे के मौके पर लंदन जा रहे थे. पर बेटे ने सोचा नहीं था कि जिस पिता के साथ लंदन में फादर्स डे मनाने की वो तैयारी कर रहा था, वो कभी लंदन पहुंचेंगे ही नहीं. वैष्णव रमनलाल पारिख जब फ्लाइट में बैठे तो इसकी सूचना अपने बेटे को मोबाइल पर दी. पर चंद मिनटों बाद बेटे को जो खबरें मिलीं, उसपर यकीन कर पाना मुश्किल था. गुरुवार को वैष्णव रमनलाल पारिख अहमदाबाद से लंदन की उसी फ्लाइट से जा रहे थे, जो मेघानी नगर में क्रैश हो गई.
सोचा नहीं था कि ऐसा हो जाएगा
बेटा चाहता था कि पिता का अकेलापन दूर हो और लंदन में उसे भी उनके साथ समय बिताने का मौका मिल जाए. पर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था. बेटे ने वैष्णव रमनलाल पारिख को जैसे-तैसे लंदन आने के लिए मनाया और 12 जून को अहमदाबाद से लंदन तक के लिए फ्लाइट बुक कर दी. उनके रिश्तेदार चैतन्य ने बताया, ” लंदन जाने के लिए उन्हें इंटरनेशनल सिम दिलाई थी, इस सिम के साथ एक मोबाइल उन्होंने रखा और अपना दूसरा मोबाइल संपर्क करने के लिए हमलोगों को दिया था. पर पता नहीं था कि ऐसा हो जाएगा.”
बेटा खुश था, पापा लंदन आ रहे हैं, फिर आई भयानक खबर
चैतन्य ने कहा, ” बोर्डिंग के बाद उन्होंने फ्लाइट में बैठते ही अपडेट दिया था कि वे बोर्ड कर चुके हैं. उनका बेटा भी लंदन में खुश था कि पापा आ रहे हैं और 15 जून को वह उनके साथ फादर्स डे मनाएगा. पर टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही सबकुछ बदल गया.” एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 क्रैश होकर आग का गोला बन गई और वैष्णव रमनलाल पारिख की भी इस भीषण दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई. चैतन्य ने कहा कि उनके बेटे पर क्या बीत रही होगी इसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता. उसे अपने पिता की चिंता थी, इसलिए अपने पास बुलाना चाहता था और उन्हें खुश करने फादर्स डे सेलीब्रेट करना चाहता था, पर वो तो हमेशा के लिए दूर चले गए.
फादर्स डे पर अब पिता की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट
वैष्णव रमनलाल पारिख की मौत के बाद उनके बेटे और बेटी को गहरा सदम लगा है. दोनों लंदन से अहमदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं और शनिवार देर शाम तक यहां पहुंच जाएंगे. बेटे कुणाल ने फोन पर कहा कि उसे इस बात का गहरा दुख हमेशा रहेगा कि वो अपने पापा से आखिरी बार मिल नहीं पाया. इस घटना का सबसे मार्मिक पहलू तो ये है कि रमनलाल पारिख के बेटे को अब फादर्स डे के दिन अपने पिता के शव की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराना होगा. वैष्णव रमनलाल पारिख इस दुनिया में नहीं रहे, उनके जैसे 240 अन्य पैसेंजर्स और फ्लाइट के क्रू मेंबर्स असमय काल के गाल में समा गए. साथ ही पीछे छोड़ गए कई सवाल और अपनों के लिए जीवन भर का दर्द.
बताया गया कि रमनलाल पारिख बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के थे. उनके निधन पर सेक्टर 29 की हवेली मंदिर समिति ने भी गहरा दुख जताया. समिति ने शोक प्रकट करते हुए कहा, ” वैष्णव रमनलाल पारिख सेक्टर 29 जेवो हवेली मंदिर में टोकरी और गोलक सेवा में समर्पित थे और संडे सत्संग के भी मनोहर सहभागी रहे हैं. वे भी एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार थे. वे अपने बेटे और बेटी से मिलने लंदन के लिए रवाना हुए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश अब हमारे बीच नहीं रहे.”ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवारजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति दे।
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