खेती बचाओ-मंडी बचाओ को लेकर किसान व आढतियों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
खेती बचाओ-मंडी बचाओ को लेकर किसान व आढतियों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
अम्बाला (जयबीर राणा थंबड़)
किसान आंदोलन में करीब 300 किसानों की शहादत पर भी सरकार हुई संवेदनहीन, नहीं ले रही सुध : अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान
प्रधान संपादक योगेश
रोहतक। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को करीब 4 महीने होने को है और इसमें करीब 300 किसानों की शहादत भी हो चुकी है। मगर सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। यह बात आज संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर अनाज मंडी में आयोजित खेती बचाओ-मंडी बचाओ अभियान के तहत आयोजित प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कही। उन्होंने कहा की फसलों पर एमएसपी रेट तय किया जाए और जो किसान की फसल का रजिस्ट्रेशन व मंडी में गेट पास जैसी शर्तें हैं उन्हें वापस लिया जाए। इसको लेकर उन्होंने आज सचिव मार्केट कमेटी के मार्फत केंद्र सरकार व राज्य सरकार के नाम आढ़तियों के साथ मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने सरकार पर जुबानी प्रहार करते हुए कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन में कुर्बानी दे चुके किसान परिवारों के लिये संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोले और न सरकार का कोई प्रतिनिधि उनके आँसू पोंछने आया। बल्लू प्रधान ने कहा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाली 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया गया है जो सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक रहेगा। जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे आंदोलन यूं ही जारी रहेगा। भाकियू नेता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसान की सभी फसलों की पूरी पैदावार सरकार द्वारा एमएसपी रेट तय करके खरीदी जाए। बल्लू प्रधान ने सरकार को चेतावनी हुए कहा की सरकार आढ़तियों पर जो ये छापे मरवा रही है इसे तुरंत प्रभाव से बंद करें वरना सरकार को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा की ऐसी कार्रवाइयों से किसान व आढती डरने वाले नहीं है। इस मौके पर उनके साथ किसान सभा के जिला प्रधान प्रीत सिंह, आढती एसोसिएशन के प्रधान डिंपल, सुरेंद्र हुड्डा, रिंकू, विजय बल्हारा, विशाल, रितिक, जोगिंदर, सतीश राणा सहित अनेकों किसान व आढती मौजूद रहे।
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