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नकली नर्सिंग होम खोल बन गई डाक्टर,

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नकली नर्सिंग होम खोल बन गई डाक्टर,
जाली नर्सें रख रोजाना कोख में मार रही थीं बच्चियां

,,,: स्थानीय पुलिस ने एक घर में छापा मार कर वहां चल रहे नकली नर्सिंग होम का भंडाफोड़ किया है, जहां उसकी संचालक भी नकली डाक्टर निकली और वहां काम करने वाली स्टाफ नर्सें भी जाली निकलीं।पिछले कई वर्षों से चल रहे इस नॄसिंग होम में रोजाना 4 से 5 गर्भवती महिलाओं और गर्भवती कुंवारी लड़कियों से बड़ी रकम लेकर जन्म लेने से पहले ही लड़कियों को गर्भ में मार दिया जाता था।
पुलिस ने नकली महिला डाक्टर इंद्रा को रीतू नामक महिला की गर्भपात की प्रक्रिया शुरू करते समय रंगे हाथों गिरफ्तार कर केस दर्ज किया है। उक्त महिला पर पहले भी बच्चे बेचने और गर्भपात करने जैसे मामले दर्ज हैं।पुलिस ने नकली महिला मरीज को भेज कर बिछाया जाल: थाना प्रभारी इंस्पैक्टर ,,,, ने बताया कि एस.आई. परमजीत,, को सूत्रों से पता चला कि ,, मार्ग पर बनी ,,,, कॉलोनी में पिछले कई वर्षों से जनता क्लीनिक खुला है जिसकी संचालिका इंद्रा ,,, बिना डिग्री के डाक्टर बनी हुई है और वहां काम करने वाली स्टाफ नर्सें भी नकली हैं। उस नर्सिंग होम में रोजाना गर्भवती महिलाओं, जिनके गर्भ में लड़कियां होती हैं, का गर्भपात किया जाता है जिस पर एस.आई. परमजीत ने एक महिला को मरीज बनाकर वहां भेजा। सूचना पुख्ता करने के बाद वह जैसे ही रीतू पत्नी सचिन वासी ,,,, जिसके यहां पहले भी एक बेटी पैदा हुई थी, अब भी उसके गर्भ में 4 महीने की लड़की थी, के गर्भपात करने की प्रक्रिया शुरू करने लगी तो उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रीतू मौके से फरार हो गई जिसे मुकद्दमे में नामजद किया गया है।

अल्ट्रासाऊंड स्कैन से पता करवाती थी गर्भ में लड़की है या लड़का
थाना प्रभारी ने बताया कि इंद्रा के लिंक बड़े अल्ट्रासाऊंड करने वाले कुछ डाक्टरों से भी हैं। इसके पास जब कोई गर्भवती महिला यह जानने के लिए जाती कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की, यह अपनी पर्ची पर एक कोडवर्ड लिखकर उसे अल्ट्रासाऊंड करने वाले के पास भेज देती। इस अल्ट्रासाऊंड के इंद्रा 20,000 रुपए लेती थी। इसके और किन-किन अल्ट्रासाऊंड स्कैन वालों से संबंध थे, की जांच जारी है।नकली महिला डाक्टर पर दर्ज हैं बच्चा बेचने और गर्भपात करने जैसे मुकद्दमे :थाना प्रभारी ने बताया कि नकली महिला डाक्टर इंद्रा शर्मा पर पहले भी नवजात बच्चे बेचने और गर्भपात करने के मुकद्दमे दर्ज हैं। इस नकली क्लीनिक की जानकारी लेने के लिए 3 मैंबरी डाक्टरों की कमेटी बनाई गई है। छापा मारने के दौरान क्लीनिक के अंदर से बड़ी संख्या में गर्भपात करने की दवाइयां, टीकों के अलावा औजार मिले हैं जिन्हें सील कर दिया गया है।

कुंवारी लड़की के गर्भपात के वसूलती थी 70,000 से 100000 रुपए तक
थाना प्रभारी ने बताया कि नकली महिला डा. इंद्रा का कोख में बच्चियों को मारने का धंधा खूब फल-फूल रहा था। वह रोजाना लाखों रुपए कमा रही थी और इस कमाई को उसका पति मनजीत कुमार प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के धंधे में लगा देता था। अगर गर्भवती महिला के पेट में लड़की है तो वह उसका गर्भपात करने के 45 से 50 हजार रुपए तक वसूलती थी। अगर उसके पास कुंवारी लड़की आती जिसे गर्भ ठहर गया हो तो वह उसका फायदा उठाकर उसका गर्भपात करने के करीब 70,000 रुपए से लेकर 100000 रुपए तक वसूलती थी।नकली महिला डाक्टर एक दिन में 4 से 5 महिलाओं जिनमें कुछ कुंवारी लड़कियां भी होती थीं, का अपने क्लीनिक में गर्भपात करती थी। उसने पुलिस से बचने के लिए क्लीनिक में इस तरह से गर्भपात करने के कमरे बनाए थे कि मरीज को एक बार अंदर ले जाने के बाद उनके परिवार वालों को भी पता नहीं चलता था कि उनका मरीज कहां किस हालत में है। गर्भपात होने के बाद मरीज को सीधा बाहर निकाला जाता था और उसे बेहोशी की हालत में ही कार में डाल कर घर भेज दिया जाता था। सूत्रों से पता लगाया

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