नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान अरेस्ट, अफवाह फैलाते हुए कैमरे में कैद
नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान अरेस्ट, अफवाह फैलाते हुए कैमरे में कैद
Nagpur riots: नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम शमीम खान को गणेश पेठ पुलिस ने बुधवार 19 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने फहीम खान को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। बता दें कि फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का शहर अध्यक्ष है और उसपर दंगे भड़काने और लोगों को उकसाने का आरोप है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, फहीम शमीम खान की पुलिस ने हाल में तस्वीर जारी की थी। इतना ही नहीं, उसका एक वीडियो भी सामने आया था, जो हिंसा शुरू होने से पहले का बताया जा रहा है। इस वीडियो में फहीम खान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देते हुआ नज़र आ रहे था।
बता दें कि 38 वर्षीय फहीम शमीम खान एमडीपी के शहर अध्यक्ष हैं और यशोधरा नगर में संजय बाग कॉलोनी के निवासी हैं। फहीम खान ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अब पुलिस जांच में सामने आया है कि फहीम खान ने भड़काऊ भाषण देकर समुदाय के लोगों को उकसाया था, जिसके बाद नागपुर में हिंसा भड़की थी।
इस घटना ने शहर में तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फहीम खान को हिरासत में लिया है। हिरासत में लेने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। पुलिस ने ऐसा दावा किया है कि इस घटना में शामिल 200 लोगों की पहचान कर ली गई है।
वहीं, इस मामले में अब तक 6 एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस मामले में नागपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच और वीडियो साक्ष्य से पता चलता है कि खान के भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद तनाव बढ़ा और क्षेत्र में समुदायों के बीच झड़पें हुईं। स्थिति तेजी से बिगड़ गई और भीड़ ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव करना शुरू कर दिया था।
इससे पहले पुलिस इस मामले में 50 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ज्ञात हो कि विहिप और बजरंग दल की ओर से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान ‘पवित्र चादर’ जलाने की अफवाह फैल गई थी। इस प्रदर्शन के खिलाफ फहीम शमीम खान की अध्यक्षता में 50 से 60 लोगों की भीड़ पुलिस स्टेशन पर इकट्ठ हुई थी।
पुलिस ने शांति बनाए रखने की दी थी हिदायत
इन लोगों के लिखित अनुरोध के बाद औरंगजेब का विरोध करने वाले नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर संख्या 114/25, धारा 223 आईपीसी, धारा 37 (1), 37 (3) 135 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस दौरान भीड़ में मौजूद लोगों से शांति बनाए रखने की पुलिस ने हिदायत भी दी। इसके बावजूद, ये लोग शाम तकरीबन 4 बजे छत्रपति शिवाजी पुतले के पास इकट्ठा हो गए।
दंगा भड़काने के उद्देश्य से हुए इकट्ठा
खबर के मुताबिक, फहीम शमीम खान के नेतृत्व में 400 से 500 लोग इकट्ठा हो गए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें बार-बार स्पीकर से अनाउंसमेंट कर इकट्ठा न होने को कहा। साथ ही, अपने-अपने घरों को जाने के लिए कहा। हालांकि, भीड़ ने कुल्हाड़ी, लाठियां और अन्य हथियारों को हवा में लहराया, ताकि क्षेत्र में आतंक पैदा किया जा सके।
पुलिस चौकी पर किया हमला
साथ ही, लोगों में भय पैदा किया और धार्मिक दुश्मनी बढ़ाने के इरादे से सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम किया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ के सदस्यों ने भालदारपुरा चौक पर पुलिस अधिकारियों पर घातक हथियारों और पत्थरों से हमला कर दिया। इस दौरान पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके।