तेलंगाना: चुनौतियों का सामना कर 2 ट्रांसजेंडर ने रचा इतिहास, सरकारी सेवा में शामिल होने वाले पहले डॉक्टर बने
हैदराबाद: तेलंगाना में दो ट्रांसजेंडर प्राची राठौड़ और रूथ जॉन पॉल इतिहास रचते हुए राज्य में सरकारी सेवा में शामिल होने वाले पहले ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गए हैं. दोनों ट्रांसजेंडर डॉक्टर प्राची राठौड़ और रूथ जॉन पॉल ने हाल ही में सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यभार संभाला है. सामाजिक कलंक और भेदभाव को याद करते हुए दोनों ने कहा कि उन्हें इसे बचपन से ही सहना पड़ा है और यहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं था.
दरअसल, उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल के सुपरीटेंडेंट डॉ. नागेंदर ने कहा कि स्मानिया अस्पताल में एक ट्रांसजेंडर क्लिनिक स्थापित करने का प्रस्ताव था. इसके लिए 3 मेडिकल ऑफिसर के पद खाली थे. इन पदों पर 36 डॉक्टरों ने आवेदन किया था. इस पद के लिए हम ट्रांसजेंडर समुदाय और एचआईवी से प्रभावित मेडिकल प्रोफेशनल को प्राथमिकता देना चाहते थे. इस तरह हमने 3 डॉक्टरों की भर्ती की है; जिनमें 2 ट्रांसवुमेन हैं और 1 एचआईवी प्रभावित चिकित्सा अधिकारी है.उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में पद संभालने वालीं डॉ. प्राचीर राठौड़ ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. यह पहली बार होगा, जब कोई ट्रांसजेंडर किसी सरकारी अस्पताल में काम करेगा. एक डॉक्टर के रूप में बिना किसी लिंग भेद के मरीजों का इलाज करना बहुत अच्छा लगता है. बता दें कि प्राची राठौड़ आदिलाबाद के एक मेडिकल कॉलेज से 2015 में एमबीबीएस पूरा किया था. डॉ. प्राची राठौड़ का कहना है कि आपकी तमाम उपलब्धियों के बावजूद यह कलंक और भेदभाव कभी नहीं जाएगा.वहीं, डॉ. रूथ जॉन पॉल ने कहा, ‘मैंने अपने जेंडर की वजह से बचपन से ही बहुत संघर्ष किया है. डॉक्टर बनने के सपने ने मुझे और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. मुझे समाज, दोस्तों और रिश्तेदारों से कई कलंक का सामना करना पड़ा. हालांकि, मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और मैं इसके लिए अधीक्षक और सभी फैकल्टी को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि मैं यहां उनके समर्थन के कारण हूं.’
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