प्रत्येक किसान जमीन को अपनी माँ ही मानता: दीपेंद्र हुड्डा
प्रत्येक किसान जमीन को अपनी माँ ही मानता: दीपेंद्र हुड्डा
किसानों के लिए जमीन सोना, सरकार कौड़ियों के भाव न खरीदे
सरकार अपनी जिद और अहंकार छोड़ जन-भावनाओं को देखे
प्रभावित किसानो-लोगों से बात करके, माँगो का समाधान करे
किसान मेहनत करके पैदा किये अनाज से देश का पेट भरता
फतह सिंह उजाला
मानेसर/पटौदी। कांग्रेा नेता एवं सांसद दीपेन्द्र हुड्डा संडे को मानेसर के गांव कासन, खोह, कुकडौला, सहरावन की 1810 एकड़ जमीन का औने-पौने भाव में अधिग्रहण करने के खिलाफ “जमीन बचाओ किसान बचाओ” संघर्ष समिति के द्वारा जारी बेमियादी धरने पर अपना समर्थन देने के लिए पहुंचे । उन्होंने आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों का पूर्ण समर्थन किया।
इस मौके पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसानों के लिए जमीन सोना है, केंद्रसहित राज्य की सरकार इस जमीन को कौड़ियों के भाव नहीं खरीदे। हर किसान जमीन को अपनी माँ मानता है और जमीन पर मेहनत करके अनाज पैदा करके देश का पेट भरता है। अगर सरकार किसान को बाजार भाव देगी तो वो आराम से कहीं भी दूसरी जमीन खरीद कर अपने परिवार का पेट भरने का इंतजाम कर लेगा। लेकिन सरकार, किसान की जमीन को बाजार भाव की बजाय कौड़ियों के भाव खरीदेगी तो फिर किसान कहाँ जाएगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार अपनी जिद और अहंकार छोड़े तथा जन-भावनाओं का संज्ञान लेते हुए प्रभावित लोगों से बात कर जायज़ माँगो का समाधान करे।
जमीन अधिग्रहण कोे 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार नये भूमि अधिग्रहण कानून की बजाय पुराने कानून से जमीन अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है, जो कि किसानों के साथ विश्वासघात है। उस समय हुड्डा सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए जो नीति बनाई थी उस नीति की देश भर में प्रशंसा हुई थी। यूपीए सरकार द्वारा लागू नये भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण के लिये 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है।
बीजेपी-जेजेपी सरकार हठधर्मिता-अहंकार छोेड़े
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों के अकेला समझने की भूल न करे। देश का किसान एकजुट है और सरकार के किसी भी अन्याय के खिलाफ़ लड़ने की ताकत रखता है। इसका सबूत हाल ही में रद्द हुए तीन कृषि कानून हैं। किसानों ने एक साल से ज्यादा समय तक शांतिपूर्ण संघर्ष कर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को चेताया कि वो हठधर्मिता और अहंकार छोड़कर बातचीत और सहमति के माध्यम से समाधान निकाले। इस दौरान प्रमुख रूप से विधायक कुलदीप वत्स, विधायक चिरंजीव राव, सुधीर चौधरी, राव वीरेंदेर, मनीष खटाना, सतबीर गुर्जर समेत बड़ी संख्या में स्थानीय काँग्रेस के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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