Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

अशोक स्तंभ के प्रशंसा पत्र पर राष्ट्रभाषा हिंदी में भी त्रुटियां !

27

अशोक स्तंभ प्रकरण

अशोक स्तंभ के प्रशंसा पत्र पर राष्ट्रभाषा हिंदी में भी त्रुटियां !

आजादी के अमृत महोत्सव 15 अगस्त पर बांटे गए यह प्रशंसा पत्र

पटौदी  के एसएमओ के हस्ताक्षर और वितरण तहसीलदार के हाथों

लाख टके का सवाल प्रकाशन से पूर्व प्रूफ रीडिंग किससे कराई गई

अभी भी अशोक स्तंभ प्रकाशन के प्रशंसा पत्र कि नहीं हो सकी पुष्टि

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वतंत्रता दिवस का पर्व हो। ऐसे मौके पर कार्यक्रम के आयोजकों सहित अन्य सरकारी विभागों के द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले प्रशंसा पत्र का प्रकाशन हिंदी या अंग्रेजी दोनों में से किसी भाषा में पूरी तरह से त्रुटि रहित होना चाहिए । वह भी उस स्थिति में कथित रूप से जब स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पाटौदी गुरुग्राम के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष पर स्वतंत्रा दिवस 15 अगस्त को प्रशंसा पत्र पर पटौदी के एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह के द्वारा हस्ताक्षर कर इनका पटौदी की तहसील अधिकारी के हाथों वितरण करवाया गया।

इन प्रशंसा पत्र पर राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रकाशन में भी शब्दों के प्रकाशन में गलतियां इस बात की चुगली कर रही है कि गंभीर लापरवाही बरती गई । या फिर इस प्रकार के प्रशंसा पत्र हरियाणा सरकार, हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय,  डीजी हेल्थ, मुख्यमंत्री कार्यालय, गुरुग्राम के सीएमओ, गुरुग्राम के जिला उपायुक्त, गुरुग्राम के आयुक्त सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को विश्वास में लिए बिना प्रकाशित करवाए गए ? ऐसे प्रशंसा पत्रों का वितरण विशेष रुप से ऐसे लोगों के नाम लिखकर प्रदान किया गया है जिन्हें की कोरोना महामारी के दौरान प्रथम पंक्ति या फिर फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर महिमामंडन किया गया । यह सर्वविदित है कि केंद्र सरकार के द्वारा उस दौरान फ्रंटलाइन कैटेगरी में केवल मात्र सैनिक , पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों सहित मीडिया कर्मियों को ही घोषित किया गया था ।

प्रशंसा पत्र पर नेशनल सिंबल राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ प्रकाशित हो और ऐसे दस्तावेज या प्रशंसा पत्र पर राष्ट्रभाषा हिंदी लिखने में भी गलतियां की गई हो, ऐसे में अशोक स्तंभ और राष्ट्रभाषा का सम्मान माना जाए या फिर संबंधित अधिकारियों की अपनी ही मनमानी कहा जाए ? हालांकि इस विषय में अभी तक संबंधित अधिकारी की तरफ से अपना किसी भी प्रकार का पक्ष सामने नहीं रखा गया है । इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं की आजादी के अमृत महोत्सव 15 अगस्त राष्ट्रीय पर्व के मौके पर आयोजित समारोह के समापन होने के तुरंत बाद जिस प्रकार आनन-फानन में पटौदी के एसएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह के द्वारा पटौदी के तहसील अधिकारी के हाथों बंटवाये गए। अशोक स्तंभ प्रकाशित और इसी पर राष्ट्रभाषा की अशुद्धियों गुणगान के प्रशंसा पत्र पहले से ही पूरी तरह तैयारी करके प्रकाशित करवाए गए होंगे ? ऐसे में सवाल यह भी है कि जब राष्ट्रभाषा हिंदी के लिखने और प्रकाशन में गलतियां हैं तो ऐसे प्रशंसा पत्र की प्रूफ रीडिंग किसके द्वारा की गई या किस सक्षम हिंदी के जानकार के द्वारा करवाई गई ?

हरियाणा का स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय दोनों ही विभाग हरियाणा की राजनीति में गब्बर के नाम से चर्चित मंत्री अनिल विज के अधीन है । क्या गृह मंत्रालय सहित स्वास्थ्य मंत्रालय और इन दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्री अनिल विज से भी क्या इस प्रकार के अशोक स्तंभ वाले प्रशंसा पत्र प्रकाशित करने और वितरण करने की अनुमति प्राप्त की गई ? यह भी अपने आप में एक सवाल बना हुआ है । सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास इस मामले की जांच के लिए अनुरोध किया गया है । लेकिन जिस प्रकार की लापरवाही सहित कोताही विशेष रुप से अशोक स्तंभ वाले प्रशंसा पत्र पर राष्ट्रभाषा की अशुद्धियां सामने आ रही हैं , ऐसी लापरवाही सहित कथित मनमानी को नजरअंदाज किया जाना इसी प्रकार के कार्य करने के लिए अन्य विभागों के अधिकारियों को भी प्रोत्साहन देने का ही काम करेगा।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading