आपातकाल, अमृतकाल और अब गरीब के इलाज की व्यवस्था बदहाल : पर्ल चौधरी
आपातकाल, अमृतकाल और अब गरीब के इलाज की व्यवस्था बदहाल : पर्ल चौधरी
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में आयुष्मान भुगतान के लिए सांसे अटकी
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने उठाए स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री पर गंभीर सवाल
हृदय रोगियों का समुचित इलाज ठप, यही है भाजपा का नया भारत
विश्व विख्यात गुरुग्राम में प्राइवेट अस्पतालों की भरमार वोटर की कब सुनेगी सरकार
अहीरवाल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल क्या यही है जनप्रतिनिधियों के लिए अमृतकाल
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा सुविधा और विभिन्न योजनाओं के तहत निशुल्क उपचार / सर्जरी का दावा डबल इंजन सरकार के द्वारा दावे के साथ किया जा रहा है। किसी भी रोग से पीड़ित रोगी और बीमारी का उपचार सर्जरी दावे से नहीं ऑपरेशन टेबल पर डॉक्टर अथवा सर्जन के द्वारा ही संभव है। दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी भाजपा की हैट्रिक वाली हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य नीति पर सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के सेक्टर-10 में स्थित नागरिक अस्पताल में हृदय आरोग्य केंद्र का ठप हो जाना भाजपा सरकार की संवेदनहीनता का शर्मनाक उदाहरण है। देहात कहलन वाले क्षेत्र पटौदी, मानेसर, सोहना, बादशाहपुर और शहर गुरुग्राम के हजारों गरीब हृदय रोग से ग्रसित मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। जबकि सरकार आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रही है । बड़ा सवाल यही है कि आपातकाल, अमृतकाल या फिर इलाज के लिए गरीब आदमी बदहाल ? वादे और घोसलों के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधाएं आम जनता तक पहुंचाने के विपरीत भाजपा सरकार सालगिरह जैसे बेफ़िज़ुल के इवेंट और राजनीतिक उत्सवों में व्यस्त है।
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा,
“ सरकार के आश्वासन के बावजूद गुरुग्राम अस्पताल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत 2–3 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। क्या भाजपा सरकार के लिए हृदय रोगी की जान की कीमत महज सरकारी आँकड़ों की एक पंक्ति है ?”
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों से अहीरवाल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत को लेकर जन आक्रोश चरम पर है। रेवाड़ी जिले के भगवानपुर गांव में हजारों ग्रामीण अस्पताल निर्माण की मांग को लेकर लगातार धरने पर बैठे हैं, लेकिन भाजपा सरकार की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। वो सिर्फ दोषरोपण और आरोप प्रत्यारोप करने में लगी है।
दादा सीएम, पिता केंद्रीय मंत्री और स्वयं भी मंत्री
पर्ल चौधरी ने कहा कि यह विडंबना है कि जिस गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पिताश्री पिछले 21 वर्षों से सांसद हैं, उसी गुरुग्राम जिले में सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। यहां इस बात को बिल्कुल भी अनदेखा और नजर अंदाज नहीं किया जा सकता की स्वास्थ्य मंत्री के दादा स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं राजनीति के पृष्ठभूमि को देखें तो दादा सीएम पिता केंद्र में मंत्री और पुत्री स्वास्थ्य मंत्री। राजनीति और राजनीति के साथ मंत्रालय चलाने का जन्मजात गुण, निश्चित रूप से स्वास्थ्य मंत्री में होने से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा “यह किसी एक अस्पताल की समस्या नहीं, बल्कि पटौदी, फर्रुखनगर उपमंडलीय अस्पताल सहित पूरे हरियाणा प्रदेश के स्वास्थ्य सँरचना के बीमार होने का संकेत है,”।
दलित, पिछड़े और गरीब सबसे अधिक प्रभावित
गौरतलब है कि आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने वाले अधिकांश मरीज दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं। ऐसे में इस भुगतान को रोके रखना न सिर्फ प्रशासनिक असफलता बल्कि सामाजिक अन्याय की संज्ञा देना होगा। “जब दलित, पिछड़े और कमजोर वर्गों के हृदय रोगियों का इलाज सिर्फ इसलिए रुक जाए कि हरियाणा की भाजपा सरकार भुगतान नहीं कर पा रही, तो यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संविधानिक मूल्यों की भी हत्या है,” पर्ल चौधरी ने स्पष्ट कहा। भाजपा की प्राथमिकता: प्रचार नहीं, उपचार होनी चाहिए
यह ‘अमृत काल’ या फिर रोगी के लिए ‘मृत काल’
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं पर तीखा तंज कसते हुए कहा, एक तरफ सरकार ‘आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ’ के नाम पर पटौदी और गुरुग्राम में करदाताओं का पैसा बर्बाद कर रही है, दूसरी तरफ दिल के मरीज इलाज के बिना तड़प रहे हैं। यह ‘अमृत काल’ नहीं, ‘मृत काल’ है, खासकर गुड़गांव जिले के हृदय रोगियों के लिए।”
आज सीएम सैनी अभिलंब 3 करोड़ रिलीज करवाएं
कांग्रेस नेत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “बुधवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मुख्यमंत्री को सबसे पहले गुरुग्राम अस्पताल को 3 करोड़ रुपये की बकाया राशि रिलीज करने का आदेश देना चाहिए। साथ ही हरियाणा के स्वास्थ्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।” उन्होंने उम्मीद जताई कि 17 जुलाई से गुरुग्राम अस्पताल में हृदय रोगियों का इलाज फिर से शुरू हो जाएगा। गुरुग्राम अस्पताल में इलाज सुचारू रूप से नहीं होने से एक बार फिर मुख्यमंत्री नायब सैनी की भाजपा सरकार की प्राथमिकताएं कटघरे में हैं। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी की यह स्पष्ट मांग अब सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि हजारों पीड़ितों की आवाज बन चुकी है। यदि सरकार अब भी नहीं जागी, तो यह जन आक्रोश पूरे अहीरवाल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति के लिए जनआंदोलन का रूप भी ले सकता है