नई दिल्ली घर से दूर रहकर वोट देने के सिस्टम का डेमो आठ राष्ट्रीय और 57 क्षेत्रीय पार्टियों ने समझा RVM, कांग्रेस समेत 16 पार्टियां विरोध में
नई दिल्ली घर से दूर रहकर वोट देने के सिस्टम का डेमो:आठ राष्ट्रीय और 57 क्षेत्रीय पार्टियों ने समझा RVM, कांग्रेस समेत 16 पार्टियां विरोध में
चुनाव आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी RVM का प्रोटोटाइप दिखाया। आयोग ने अपने घर से दूर रहने वाले वोटर्स बनाए गए इस सिस्टम के डेमोस्ट्रेशन के लिए मान्यता प्राप्त आठ राष्ट्रीय दलों और 57 क्षेत्रीय दलों को बुलाया था। हालांकि, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने RVM सिस्टम लाने की कोशिशों का विरोध किया है।
RVM डेमोस्ट्रेशन में EC ने सिस्टम के ऑपरेशन और तकनीक की जानकारी दी।रिमोट EVM के प्रदर्शन के दौरान चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। आयोग का कहना है कि रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी RVM की मदद से अपने घर से दूर किसी दूसरे शहर या राज्य में रहने वाले वोटर विधानसभा/लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे। यानी मतदान के लिए उन्हें अपने होम टाउन नहीं आना होगा।
कांग्रेस समेत 16 दलों ने RVM का विरोध किया कांग्रेस ने रविवार को रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) प्रपोजल पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में JDU, शिवसेना उद्धव गुट, नेशनल कॉन्फ्रेंस, माकपा, झामुमो, राजद, PDP, VCK, RUML, राकांपा और सपा समेत 16 दल शामिल हुए। सभी ने RVM प्रपोजल का विरोध किया।
चुनाव आयोग ने कहा था कि मल्टी कॉन्स्टीटुएंसी रिमोट EVM एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है। इधर, धन दिग्विजय ने कहा, ‘RVM सिस्टम अभी बहुत अधूरा है। इसमें भारी राजनीतिक समस्याएं हैं। प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और संख्या भी साफ नहीं है। ऐसे में हम RVM का समर्थन नहीं करते।’
आयोग ने पार्टियों को चिट्ठी लिखकर RVM पर सुझाव भी मांगे
प्रोटोटाइप के डेमो के लिए पार्टियों को बुलाने के साथ चुनाव आयोग ने टेक्नोलॉजी पर एक नोट भी जारी किया था। RVM के इस्तेमाल की परमिशन देने के लिए कानून में जरूरी बदलाव जैसे मुद्दों पर पार्टियों से जनवरी के आखिर तक सुझाव मंगाए गए थे। पार्टियों को चिट्ठी लिखकर इस प्रपोजल पर अपनी राय जाहिर करने को कहा गया था।
RVM मौजूदा EVM पर आधारित, इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होगी
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दूर-दराज के बूथों पर डाले गए वोटों की गिनती और दूसरे राज्यों में रिटर्निंग ऑफिसर को उनके बूथ तक भेजने को एक तकनीकी चुनौती करार दिया था। आयोग का कहना है कि आरवीएम को एक मजबूत, फेलप्रूफ और असरदार स्टैंड-अलोन सिस्टम के रूप में विकसित किया जाएगा। यह मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ही आधारित होगी, लेकिन इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होगी।
सवाल-जवाब में समझिए रिमोट वोटिंग यानी RVM क्या है…
- किन लोगों के लिए आयोग ने ये व्यवस्था बनाई है? जहां भी हैं, वहीं से वोट डाल सकेंगे?
RVM का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे लोग, प्रवासी मजदूर कर सकेंगे। इसका मतलब यह नहीं होगा कि वे घर बैठे वोट डाल सकेंगे। आयोग की इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वोटिंग के दिन रिमोट वोटिंग स्पॉट पर पहुंचना होगा। इसका मतलब घर से मतदान करना नहीं है। अनुमान के मुताबिक, देश में 45 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो अपना घर और शहर छोड़कर दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। इसका सेंट्रलाइज्ड डेटा मौजूद नहीं है। - एक RVM बूथ से कितने निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया जा सकता है?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा युवाओं और शहरी वोटर्स की वोट न डालने के रवैए पर रिसर्च की गई। वोटिंग में इनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए RVM क्रांतिकारी बदलाव होगा। मल्टी कॉन्स्टीटुएंसी रिमोट EVM एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है। - क्या चुनाव आयोग इसे तुरंत लागू करेगा?
नहीं, इसे लागू करने से पहले आने वाली कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार भी मांगे गए हैं। एक बयान के अनुसार पोल पैनल ने रिमोट वोटिंग पर सिर्फ कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है। - चुनाव आयोग का फोकस RVM पर क्यों है?
आयोग ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 67.4% था। 30 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। चिंता की बात यही है। आयोग ने कहा, “वोटर नई जगह जाने पर कई वजहों के चलते वोटिंग रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता और वोटिंग नहीं कर पाता। घरेलू प्रवासियों का वोटिंग करने में असमर्थ होना चिंताजनक था। इसलिए RVM का प्लान बनाया गया।” - तो यह RVM सिस्टम कब लागू होगा? क्या अगले साल 9 राज्यों में चुनाव से पहले?
आयोग ने 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को बुलाया है। वह इस RVM सिस्टम को राजनीतिक दलों को दिखाएगा। इसके बाद उनसे सुझाव मांगेगा। इसके बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ेगा। 2023 में जम्मू-कश्मीर के अलावा देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
2024 में लोकसभा चुनाव भी होंगे। जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान शामिल हैं। RVM सिस्टम का लागू होने डेमो, राजनीतिक दलों और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लोगों की राय पर निर्भर करता है
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