नो हेलमेट नो फ्यूल’ अभियान को सफल बनाने की कोशिश..!!
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस एक बार फिर ‘नो हेलमेट नो फ्यूल’ अभियान को सफल बनाने की कोशिश..!!
पहले दिन से लेकर अब तक पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को आसानी से मिल रहा पेट्रोल.!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को सड़क सुरक्षा के लिए शुरू किया था जिससे कि लोगों की जान बच सके लेकिन यह अभियान फीका सा नजर आ रहा..!!
जीवन की कीमत क्या होती है वह वही जानता है जिसने दुर्घटनाओं में किसी को खाया हो या घायल होकर वह बिस्तर पर पड़ा हो लेकिन भाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से एक कर तक पहल हुई है की सड़क सुरक्षा को और मजबूत बनाने और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराना है, जिसके लिए राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 सितंबर 2025 से पूरे प्रदेश में “हेलमेट नहीं, ईंधन नहीं” अभियान को शुरू करने की घोषणा की हुई है और परिवहन विभाग और यातायात पुलिस एक बार फिर ‘नो हेलमेट नो फ्यूल’ अभियान को सफल बनाने की कोशिश कर रही हैं!इस अभियान को एक सितंबर से शुरू किया गया है और 30 सितंबर तक इसे चलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना और हेलमेट पहनने की आदत डालना है, ताकि सड़क हादसों को कम किया जा सके। हालांकि इस अभियान के पहले दिन से लेकर अब तक पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को आसानी से ईंधन मिल रहा हैं!इस अभियान की शुरूआत के बाद से स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है! हालांकि कुछ वाहनों के चालान किए गए हैं, जिनमें बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों के हैं।ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब लोग बिना हेलमेट के पेट्रोल ले रहे हैं तो इस बार कैसे उन्हें रोकने की कोशिश की जाएगी! अधिकारियों ने पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठकें की हैं और उन्हें नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही दिखाई दे रही है। लोग बना हेलमेट के पेट्रोल भरवाने आ रहे हैं।
इस अभियान को लेकर संबंधित विभाग अभियान को सफल बनाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास कर रहा हैं।यहां तक कि अधिकारियों की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है जो लोगों को समझाने का काम कर रही है। लेकिन वही पेट्रोल पंपों पर देखा जाएं तो बिना हेलमेट वाले मोटरसाइकिल सवारों की लंबी कतार दिखी। उन्हें बिना किसी रोक-टोक के पेट्रोल दिया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को सड़क सुरक्षा के लिए शुरू किया था जिससे कि लोगों की जान बच सके लेकिन यह अभियान फीका सा नजर आ रहा है।