दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में ED ने दायर की 8 हजार पन्नों की चार्जशीट
दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में ED ने दायर की 8 हजार पन्नों की चार्जशीट
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को आरोप पत्र दायर किया है। लगभग 8,000 पेज का यह आरोप पत्र धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में दायर किया गया। अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के लिए एक अप्रैल की तिथि तय की है।
आरोपपत्र में चार व्यक्तियों और एक कंपनी को आरोपित बनाया गया है। इनमें डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक डीके मित्तल, तेजिंदर सिंह और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैं। ईडी ने इन आरोपियों पर पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने की मांगी है। साथ ही यह भी बताया है कि भविष्य में पूरक आरोप पत्र भी दायर किया जाएगा।
आप ने चुनावी फंड में इस्तेमाल किए रुपये
ईडी सूत्रों के अनुसार, जलबोर्ड द्वारा जारी एक अनुबंध में भ्रष्टाचार से रिश्वत में मिले पैसे को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को चुनावी फंड के रूप में पारित किया गया था। एजेंसी ने मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया था, लेकिन वह उसके सामने पेश नहीं हुए।
ईडी कर चुकी है छापामारी
उसके बाद ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को एक अन्य आबकारी नीति घोटाला से जुडे़ मामले में गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ईडी ने फरवरी में जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आप के राज्यसभा सांसद और कोषाध्यक्ष एन डी गुप्ता, पूर्व डीजेबी सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंगल और कुछ अन्य के परिसरों पर छापामारी की थी।
क्या है एफआईआर का आधार
ईडी मामले का आधार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर है, जिसमें अरोड़ा पर एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये की कुल लागत के लिए डीजेबी अनुबंध देने का आरोप लगाया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। ईडी ने मामले में अरोड़ा और अग्रवाल को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने दावा किया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने जाली दस्तावेज जमा करके अनुबंध हासिल किया और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता को पूरा नहीं करती है।
ईडी के एक बयान में आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ठेका देने के बाद अरोड़ा ने नकद और बैंक खातों में रिश्वत ली और डीजेबी मामलों का प्रबंधन करने वाले विभिन्न लोगों को पैसा दिया, जिसमें आप से जुड़े व्यक्ति भी शामिल थे। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि रिश्वत की रकम चुनावी फंड के तौर पर आप को भी दी गई।
यह दूसरा मामला है, जिसमें ईडी ने आप पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि 2021-22 की खत्म की गई उत्पाद शुल्क नीति के कुल 100 करोड़ रुपये में से 45 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि का इस्तेमाल केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए किया था।
एजेंसी ने कहा है कि डीजेबी का ठेका अत्यधिक ऊंची दरों पर दिया गया, ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। 38 करोड़ रुपये के अनुबंध मूल्य के मुकाबले, अनुबंध पर केवल 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि को विभिन्न फर्जी खर्चों की आड़ में निकाल लिया गया। ईडी ने आरोप लगाया है, इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी फंड के लिए दर्ज किए गए थे।
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