Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

कोरोनाकाल में नर्स ने जान पर खेल बचाई जिंदगीयां: डा नीरू यादव

25


फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन को ही इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है

इंटरनेशनल नर्स डे की सबसे पहले शुरुआत साल 1965 में की गई

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
नर्स की भूमिका एक मां से कम नहीं होती है।  मदर्स डे के दो दिन बाद नर्स डे मनाया जाता है। कोरोना काल में नर्सों ने जो मेहनत से अपनी ड्यूटी कर जिम्मेदारी निभाई, उस जज्बे को देखर दुनिया उन्हें सलाम कर रही हैं। यह बात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरुखनगर की मेडिकल आफिसर डॉक्टर नीरु यादव ने कही। सामुदायिक भवन प्रांगण मे नर्स डे धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे नर्स खुद अपनी जान हथेली पर रखकर टूटती सांसों को बचाने के लिए आगे आईं। ऐसे में आज नर्स डे मनाया जा रहा है तो भला कैसे कोई उनके हौसले को भूल सकता है।

आज अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर पूरी दुनिया नर्स को याद कर ही है। हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि यह नर्स डे क्यों मनाया जाता है ? यह दिन हर साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है। उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल की थी। इस वजह से इन्हें लेडी विद द लैंप भी कहा गया। मरीज की जिंदगी बचाने में जितना योगदान डॉक्टर्स का होता है, उतना ही एक नर्स का।

डा नीरू यादव ने कहा कि नर्स अपनी परवाह किए बिना मरीज की तन-मन से सेवा कर उनकी जान बचाती है। अपने घर और परिवार से दूर रहकर मरीजों की दिन रात सेवा करती है। नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है। नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटइंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था। इस दिन उनको याद किया जाता है। सबसे पहले इस दिवस की शुरुआत साल 1965 में की गई थी। तब से लेकर आज तक यह दिवस इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading