कोविड का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में दस्तक दे चुका: डॉ. नितिका
कोविड का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में दस्तक दे चुका: डॉ. नितिका
कोरोना के सभी वैरिएंट में इलाज को होम्योपैथी मंेडिसन कारगर
अभी तक के सभी वैरिएंट में सबसे तेजी से फैलने वाला डेल्टा
फतह सिंह उजाला
पटौदी/गुरूग्राम। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर से लोग अभी उबरे भी नहीं है कि अब कोविड का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में दस्तक दे चुका है. ये नया डेल्टा प्लस वायरस तेजी से फैल रहा है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में नए डेल्टा प्लस के कई केस सामने आ चुके हैं. ऐसे में लोगों में एक बाद फिर से दहशत देखने को मिल रही है।
कोरोना का नया डेल्टा वैरिएंट यानी बी 1.617.2 सबसे पहले भारत में मिला था.। अब धीरे-धीरे कई दूसरे देशों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं. । कोरोना वायरस के रूप में बदलावों की वजह से डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। कोरोना के इस नए वैरिएंट में सबसे खतरनाक बात ये है कि ये अभी तक के सभी वैरिएंट में सबसे तेजी से फैलने वाला है। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी, थकान, गले में खराश, स्वाद और गंध चले जाना, त्वचा पर चकत्ते, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव, सिरदर्द और दस्त की समस्या है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के गंभीर लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हैं।
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचाव के लिए घर से बाहर निकलने पर डबल मास्क पहनें, जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें, हाथों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह 20 सेकेंड तक धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग (6 फीट) का पालन करें, घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें.। डॉक्टर नितिका शर्मा के अनुसार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करके इस बीमारी की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जिसके लिए आर्सेनिक एल्बम-30, हेपरसल्फ, कैलकेरिया कार्ब, जस्टिसिया-क्यू , थूजा, रसटोक्स, चाइना, जैल्सिमियम, यूपाटोरियम परफोरैट्म, एल्फा एल्फा क्यू, ब्रायोनिया एल्बम एवं सल्फर जैसी होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन, संतुलित और संतुलित आहार, प्रतिदिन व्यायाम, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, तनावमुक्त जीवन तथा मधुमेह के मरीजों को सीजिजियम जंबोलिनम तथा सिफलैंडरा जैसी होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन अत्यंत कारगर है। डॉ. नितिका शर्मा का यह भी कहना है कि किसी भी होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन पंजीकृत होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह उपरांत ही करें।
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