देहात में चरणबद्ध तरीके से डोर टू डोर स्क्रीनिंग
देहात में चरणबद्ध तरीके से डोर टू डोर स्क्रीनिंग
देहात में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को 164 टीम सक्रिय
देहात की 36 हजार से अधिक आबादी को किया गया कवर
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक टीम लगाई गई है जो घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने में जुटी हैं और लोगों को कोरोना संक्रमण संबंधी बचाव उपायों के बारे में जागरूक कर रही हैं। अब तक स्वास्थ्य विभाग की इन टीमों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 36 हजार से अधिक आबादी को कवर किया जा चुका है।
डीसी डॉ यश गर्ग ने बताया कि टीम के सदस्यों द्वारा क्लोज माॅनीटरिंग करते हुए कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा रही है। इस कार्य में ग्रामीणों द्वारा बढ़चढ़ कर सहयोग दिया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश में पहले की अपेक्षा लोगों में जागरूकता बढ़ी है और अब लोग आगे आकर कोरोना संक्रमण संबंधी लक्षणों के बारे में बताते हुए अपना व अपने परिचितों का टैस्ट करवा रहे हैं। टीम के सदस्यों द्वारा डोर टू डोर सर्वे के दौरान काउंसलिंग भी की जाती है ताकि लोगों के मन में कोरोना संक्रमण को लेकर भय के स्थान पर जागरूकता बढ़े और संक्रमण होने पर वे इस बारे में जानकारी छिपाने की बजाय इस पर खुल कर बात करें।
ग्रामीण स्तर पर फील्ड में सर्वे करने वाली टीम के सदस्यों में आशा वर्कर ,आंगनवाड़ी वर्कर, स्कूल का अध्यापक, ग्राम सचिव तथा एंटीजन टेस्टिंग सैंपल लेने वाला सदस्य शामिल किया गया है। यह टीम घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है व उनसे परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करती है कि क्या उनके घर में किसी को कोरोना के लक्षण जैसे सिर दर्द, बुखार ,सुखी खासी, बदन दर्द आदि है या नहीं। इस दौरान कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की मौके पर ही सैंपलिंग ली जा रही है। यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके घर में होम आइसोलेशन संबंधी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किया जा रहा है अथवा गांव में बनाए गए आइसोलेशन केंद्रों में शिफ्ट किया जा रहा है।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। जिला की 164 ग्राम पंचायतों में इमारतों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन सैंटरों में तबदील किया गया है जहां यह आइसोलेशन केंद्र खोले गए हैं। इन आइसोलेशन सेंटरो में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा एकजुटता से काम किया जा गया है। आइसोलेशन सैंटर बनाने को लेकर पंचायतों को गांवो की आबादी के अनुसार ग्रांट भी दी जा रही है। जिन गांवो की आबादी 10 हजार से कम है , उन्हें 10 हजार रूपये तथा जिनकी जनसंख्या 10 हजार से अधिक है, उन्हें 50 हजार रूप्ये की ग्रांट दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि गांवो में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वहीं गांव में इसके उपचार की व्यवस्था की जानी अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों को फंड मुहैया करवाया जा रहा है।
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