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दो करोङ 38 लाख के 03 शातिर ठग पुलिस ने किये काबू

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दो करोङ 38 लाख  के 03 शातिर ठग पुलिस ने किये काबू

धोखाधङी से खरीदी  तीन गोल्ड सिल्ली व 52 लाख 50 हजार बरामद

करीब 40 करोङ इक्कठे कर भारत से दुबई शिफ्ट होने का था प्लान

पंजाब नैशनल बैंक की फर्ज ईमेल से प्रोपजल भेज देते थे प्रलोभन

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
  बैंक में गिरवी रखी प्रोपर्टी को बेचने के लिए बैंक की फर्जी डोमेन (फर्जी ईमेल आई.डी.) तैयार करके धोखाधङी से दो करोङ 38 लाख रुपयों की ठगी करने की वारदात को अन्जाम देने वाले 03 शातिर बदमाशों को थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने दबोचा है। आरोपियों ने सालसाजी करके सम्बन्धित बैंक (पंजाब नैशनल बैंक) की फर्ज ईमेल आई के माध्यम से पीङित को प्रोपजल भेजकर दिया था प्रोपर्टी दिलाने का प्रलोभन, जिसके आधार पर आरोपियों ने पीङित को अपने विश्वास में लेकर वारदात को अन्जाम दिया। आरोपियों ने धोखाधङी से प्राप्त की गई नगदी से खरीदी गई तीन सोने की ईंट व 52 लाख 50 हजार की नगदी पुलिस टीम द्वारा बरामद की गई है। आरोपियों की इस प्रकार  धोखाधङी करके अगले कुछ दिनों में करीब 40 करोङ रुपयों की रकम इक्कठ्ठी करके भारत से दुबई शिफ्ट होने का प्लान बनाया गया था।

एसीपी क्राइम गुरूग्राम प्रीतपाल सिंह के मुताबिक थाना साईबर क्राईम, गुरूग्राम में गौरव साहनी ने शिकायत किशन कुमार नामक व्यक्ति ने इसकी पीएनबीे  में गिरवी रखी प्रोपर्टी बेचने के नाम पर इससे 2.38 करोड रुपयपीएनबी में ही आरएमबी एसेट रिकवरी मैनेजमेंट ब्रांच नाम के फर्जी बैंक खाता में जमा करा करा लेने के सम्बन्ध में दी गई। साईबर अपराध, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने इस मामले में धोखाधङी करने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए श्रीमती आस्था मोदी भा.पु.से., पुलिस उपायुक्त मुख्यालय, गुरुग्राम के निर्देशानुसार तथा श्री करण गोयल, सहायक पुलिस आयुक्त डी.एल.एफ., गुरुग्राम की देखरेख में निरीक्षक जसबीर पूनिया, प्रभारी थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम के नेतृत्व में निरीक्षक देवेन्द्र मान, मुख्य सिपाही नवीन, सिपाही कविन्द्र व सिपाही रविन्द्र सहित एक स्पेशल पुलिस टीम गठित की गई।

करोङो रुपयों की ठगी करने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए गठित की गई पुलिस टीम द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए आरोपियों द्वारा जिस फर्जी बैंक खाते में रुपए ट्रान्सफर कराये थे उन बैंक खातों की तथा जिस ईमेल आई.डी. के माध्यम से पीङित को प्रोजल भेजा गया था उस इमेल आई .डी. सहित इस मामले से सम्बन्धित सभी जानकारी इक्ट्टा की गई । इस अभियोग में आरोपियों को काबू करने के लिए पुलिस टीम द्वारा अपनी कार्य कुशलता का परिचय देते हुए तथा पुलिस तकनीकी, पुलिस प्रणाली का प्रयोग करते हुए उपरोक्त अभियोग में मुख्य आरोपी व उसके 02 अन्य साथी आरोपोयों को काबू करने में बङी सफलता हासिल की है । इनकी पहचान किशन कुमार पुत्र श्री केशव लाल निवासी म.न. 163, प्रथम तल , विवेक विहार दिल्ली -95, राकेश वाष्णीय उर्फ राकेश गुप्ता पुत्र विजयपाल निवासी साहूकारा मोहल्ला, कस्बा चंदौसी थाना चंदौसी जिला सम्भल उ.प्र. हाल म.न. 163 नितिखण्ड -2, इन्द्रापुरम गाजियाबाद उ.प्र., सौरभ पालनवाल उर्फ सुमित शर्मा उर्फ पासु पुत्र सुशील कुमार निवासी दिलशाद कालोनी ईस्ट दिल्ली-95 हाल श्यामपार्क एक्सटैन्सन, शाहिबाबाद, गाजियाबाद उ.प्र.के रूप में की गई।

पुलिस रिमाण्ड के दौरानं ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी किशन पहले बैंक में काम करता था और बैंक द्वारा प्रापर्टी ऑक्शन की प्रक्रिया को अच्छे से जानता था। आरोपी किशन ने अपने उक्त साथी राकेश वाष्णीय उर्फ राकेश गुप्ता के साथ मिलकर धोखाधङी से फर्जी बैंक खाते व ईमेल आई.डी. इत्यादि तैयार करके बैंक के पास गिरवी रखी प्रोपर्टी को फर्जी रुप से बेचने के नाम पर रुपए कमाने की योजना बनाई। योजनानुसार आरोपियों ने अपने उपरोक्त साथी आरोपी सौरभ पालनवाल उर्फ सुमित शर्मा पासु को अपने साथ शामिल किया और उससे बैंक का डोमेन खरीदकर फर्जी ईमेल आई.डी. तैयार करने के लिए कहा तो सौरभ पालनवाल ने 02 हजार रुपयों में फर्जी डोमेन खरीदा और इस धोखाधङी की वारदात को अन्जान देनें के लिए आरोपियों ने एक फर्जी कम्पनी बनाई जिसका शॉर्ट नाम एआरएमबी दिया । ताकि कस्टमर को बैंक का ही पुलअकाउंट दिखे। इसके द्वारा रजिस्ट्रर कराया हुआ डोमेन पीएनबी कस्मेयर केयर-काॅम से एआरएमएस पीएनबी कस्मेयर केयर-काॅम नाम की ईमेल आई.डी. बनाकर शिकायतकर्ता से बैंक अधिकारी बनकर बातचीत शुरू कर दी तथा बैंक की फर्जी मेल आई.डी. से कस्टमर शिकायतकर्ता से फर्जी बनाए  एआरएमएस बैंक खाता में रुपए जमा करा लिये। शिकायतकर्ता द्वारा भी जब इस सम्बन्ध में बैंक में जाकर पता किया तो उसे पता चला था कि उसके साथ धोखाधडी करके  बैंक में जमा कराए गए है। अभियोग में पीङितध्शिकायतकर्ता से ट्रान्सफर कराए गए रुपयों को इन्होनें अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर करके व नगदी रुप में निकाल लिए थे। आरोपियों द्वारा ट्रान्सफर कराई गई नगदी में से 1 करोङ 50 लाख रुपयों की नगदी दिल्ली में एक ज्वैलर के खाते में ट्रान्सफर करके उससे 03 सिली सोना (प्रति सिल्ली 1 किलो वजन) खरीदी थी व बाकी रुपयों को इन्होने आपस में बांट लिया था।

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त आरोपी किशन कुमार द्वारा अगले कुछ दिनों में इस प्रकार से बैंक के पास गिरवी प्रोपर्टी को फर्जी रुप से बेचकर 40 करोङ रुपयों की रकम इकट्ठा करना था और इसने अपने साथियों के साथ मिलकर और 02 वारदातों को अन्जाम दे दिया था और इसके पास 02 पार्टियों से 7 व 10 करोङ रुपए में डील भी हो चुकी थी और अगले कुछ ही दिनों में इनके पास रुपए आने वाले थे। आरोपी 40 करोङ रुपयों की रकम इक्कट्ठा करने के बाद भारत छोङकर दुबई सैटल होने की फिराक में थे, किन्तु पुलिस ने उससे पहले ही इन्हें काबू करके इनके ईरादों पर पानी फेर दिया  आरोपी किशन के कब्जा से 02 सिल्ली सोना उक्त आरोपी राकेश के कब्जा से 01 सिल्ली सोना व 44 लाख रुपयों की नगदी तथा आरोपी सौरभ के कब्जा से 08 लाख पचास हजार रुपयों की नगदी सहित तीनों आरोपियों से कुल तीन सिल्ली सोना व 54 लाख 50 हजार रुपयों की नगदी) बदामद की गई है।’

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