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किसी व्यक्ति के खिलाफ ठोस सबूत न हों, तब तक चालान की कार्रवाई न करें

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किसी व्यक्ति के खिलाफ ठोस सबूत न हों, तब तक चालान की कार्रवाई न करें
ग्वालियर। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उस ट्रायल को निरस्त कर दिया, जिसमें शिवपुरी के सिद्धीविनायक मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल के डाक्टर को ब्लैकमेल के मामले में धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की गई थी। कोर्ट ने एसपी को निर्देशित किया है, जबतक किसी व्यक्ति के खिलाफ ठोस सबूत न हो, तब तक उसके खिलाफ चालान की कार्रवाई नहीं करें।
सिद्धिविनाय हास्पिटल में भ्रूण परीक्षण का स्टिंग आपरेशन किया था।

दरअसल शिवपुरी के सिद्धिविनाय हास्पिटल में भ्रूण परीक्षण का स्टिंग आपरेशन किया गया था। पूजा त्यागी अस्पताल में दिखाने गई थीं और साथ में मोहित तिवारी भी मौजूद थे। भ्रूण परीक्षण का स्टिंग कर लिया गया। भ्रूण परीक्षण के स्टिंग को लेकर वीडियो बहुप्रसारित नहीं किया जाए, उसको लेकर अस्पताल के डाक्टर रहीस खान और पूनम खान को ब्लैकमेल किया जाने लगा।इसकी शिकायत उन्होंने थाने में की पुलिस ने सौरव बाबा और साक्षी सक्सेना को ब्लैकमेल, धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। धारा 27 के तहत की गई पूछताछ में पूजा त्यागी का भी नाम आया। पुलिस ने उन्हें आरोपित बना लिया। न्यायालय में चालान पेश कर दिया। पूजा त्यागी ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन फाइल की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता बीके शर्मा ने तर्क दिया कि पूजा त्यागी के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। दूसरे व्यक्ति के नाम बताने पर केस दर्ज कर दिया। कोर्ट ने जिला न्यायालय में पूजा त्यागी के खिलाफ चल रही ट्रायल को निरस्त कर दिया है

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