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शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद भूलकर भी ना खाएं !

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शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद भूलकर भी ना खाएं !

** समुद्र मथने के बाद जो विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की, लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम नीलकंठ महादेव पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है।

** शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर का भाग होता है। चण्डेश्वर का अंश यानी प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का अंश ग्रहण करना माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि, शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद नहीं खाना चाहिए। शिव पुराण कहता है कि, शिव जी का प्रसाद सभी प्रकार के पापों को दूर करने वाला है।

*भगवान शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद होता है। इसके अलावा उन्‍हें रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। सावन के महीने में भोले बाबा का व्रत रखकर उन्‍हें गुड़, चना और चिरौंजी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

  • शिव कृपा पाने के लिए पूरे नियम से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए क्योंकि जल धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और नियम से इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित है !

शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित है … कहा जाता है क‍ि, अगर आप शिवजी की पूजा में हल्दी का प्रयोग करते हैं तो, इससे आपकी पूजा बेकार हो जाती है और आपकी पूजा का फल नहीं मिल पाता है। इसलिए भूलकर भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।

शिवलिंग पर कलश रखने का समय !

हर वर्ष चैत्र माह में 14 अप्रैल यानी खरमास खत्म होने के बाद शिवलिंग पर अभिषेक कलश रखा जाता है। इस कलश के द्वारा भगवान शिव के ऊपर 24 घंटे अभिषेक होता रहता है।

शिवलिंग का मुंह उत्तर दिशा में रखें !

उत्तर दिशा कुबेर के अलावा बुध ग्रह, ब्रह्म देव और शिव की भी दिशा है. इसलिए हमेशा शिवलिंग का मुख उत्तर की दिशा की ओर होता है. घर की उत्तर दिशा में हमेशा एक पारद शिवलिंग का होना जरूरी है.

दूध से अभिषेक :—-

शिव का आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें। फलों के रस से अभिषेक : अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक किया जाना चाहिए !

सरसों के तेल से अभिषेक :—-

ग्रहबाधा नाश हेतु भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक किया जाता है। इस दौरान भगवान शिव के ‘प्रलयंकर’ स्वरुप का मानसिक ध्यान किया जाता है। शिवलिंग पर सरसों के तेल की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें, … इसमें भगवान शिव के ‘नीलवर्ण’ स्वरुप का मानसिक ध्यान किया जाता है।

** उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जल चढ़ाएं !

शिवलिंग पर कभी भी पूर्व दिशा में मुहं करके जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्व दिशा को भगवान शिव के आगमन की दिशा माना जाता है। ऐसा करने से शंकर जी के आगमन मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है, शंकर जी को जल को जल चढ़ाने के लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर की है।

  • रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं :— शिव जी की कृपा से सारे ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है. :–
    -शिवलिंग पर मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित करना ही रुद्राभिषेक कहा जाता है. – रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ करते हैं.! अंगर के रस से अभिषेक !

भगवान शिव को जलाभिषेक सर्वाधिक प्रिय है। शत्रु पर विजय के लिए सरसों के तेल और अंगूर के रस से किया गया अभिषेक हितकर होता है। … सिर्फ ऊँ नम: शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए प्रभु का पंचामृत से अभिषेक करें !

शहद से अभिषेक !

शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें। गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें।

चावल :—
भगवान को चावल चढ़ाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि चावल टूटे हुए न हों. अक्षत पूर्णता का प्रतीक है अत: सभी चावल अखंडित होने चाहिए. मात्र 4 दाने चावल रोज चढ़ाने से अपार ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. … शिवलिंग पर अक्षत चावल चढ़ाने से शिवजी अतिप्रसन्न होते हैं और अखंडित चावल की तरह अखंडित धन, मान-सम्मान प्रदान करते हैं.!

फूल:—

शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है !

वैसे तो शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छा और शुभ समय दोपहर के बाद होता है। शिव की पूजा करने के लिए प्रदोष काल , निशित काल, रात्रि के प्रहर को सबसे शुभ माना जाता है।

शक्कर:—-

शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से सुख – समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ईत्र- शिवलिंग पर ईत्र चढ़ाने से धर्म की प्राप्ति होती हैं। सुगंधित तेल- शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से धन धान्य की वृद्धि होती है। जीवन में सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है !

काले तिल:–

यदि आप या आपके परिवार में कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार चल रहा है तो हर शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें। इससे बुरा समय टलता है और व्यक्ति का दुर्भाग्य कम होता है। शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाते समय दूध का भी प्रयोग करें।

गन्ने के रस से अभिषेक:–

वह व्यक्ति जो कर्ज में डूबा हुआ हो, उसे शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाना चाहिए, शिवलिंग पर रस चढ़ाते समय ‘ऊँ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप भी करते रहना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव उस भक्त की आर्थिक परेशानियों को दूर करते हैं।

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