आज के सुविचार दैनिक यज्ञ करें ।
आज के सुविचार दैनिक यज्ञ करें ।
घर घर यज्ञ, हर घर यज्ञ क्योंकि • प्रदूषित वातावरण में यज्ञ ही परम धर्म है।
यज्ञ से देवताओं की पूजा, उनके गुणों में वृद्धि तथा परस्पर सत्संगति होती है।
यज्ञ से पृथ्वी, जल, वायु और अन्न आदि के विकार दूर होते हैं।
यज्ञ से पेड़ पौधे लगाने तथा पशुपालन की प्रेरणा मिलती है।
यज्ञ से दुःख, दारिद्र्य और शोक सन्ताप दूर होते हैं।
यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध, पुष्ट एवं सुगन्धित होता है।
यज्ञ से प्रकृति में औषध तत्वों को भरा जाता है।
यज्ञ से मनुष्य स्वस्थ और प्रसन्न होता है।
यज्ञ से मानव-धर्म का परिपालन होता है।
यज्ञ से सात्विकता का विस्तार होता है।
यज्ञ से हमारा योगक्षेम सिद्ध होता है।
यज्ञ से प्राणवायु की वृद्धि होती है।
यज्ञ से बुद्धि परिष्कृत होती है।
यज्ञ श्रेष्ठतम कर्म है यज्ञ कामधेनु है यज्ञ विष्णु है।
लाभकारी हो हवन हर जीव धारी के लिए।
वायु जल सर्वत्र हो शुभ गन्ध को धारण किए ।
स्वार्थ भाव मिटे हमारा प्रेम पथ विस्तार हो ।
“इदं न मम” का सार्थक प्रत्येक में व्यवहार हो ।
यज्ञ रुप प्रभो! हमारे भाव उज्जबल कीजिए ।
छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिए।
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