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गंदगी और कूड़ा करकट, अतिक्रमण से अधिक खतरनाक !

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गंदगी और कूड़ा करकट, अतिक्रमण से अधिक खतरनाक !

हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर गंदगी के अंबार

एक तरफ किया जा रहा है स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का प्रचार

बदले मौसम और बूंदाबांदी ने गंदगी से और बढ़ेगी परेशानी

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
करोना कोविड-19 जैसी महामारी पर किसी हद पर लगाम कसी जाने के बाद अब ओमीकान वेरिएंट वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार के द्वारा फिर से नए दिशा निर्देश जारी किए गए । इसमें सबसे अहम हैं घर से बाहर सार्वजनिक स्थान पर सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।

इस सब के विपरीत पटौदी विधानसभा क्षेत्र के ही हेलीमंडी नगरपालिका इलाके में विभिन्न स्थानों पर लगे गंदगी के ढेर और यहां वहां फैला कूड़ा करकट खतरनाक साबित हो सकता है । बदलते मौसम को देखते हुए डेंगू मलेरिया वायरल इत्यादि से बचाव के लिए भी जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निरंतर जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही प्राइवेट अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों के साथ भी बैठकों का दौर जारी है । वैसे भी डेंगू के मामले दिन प्रतिदिन अपना आंकड़ा बढ़ाकर चिंता का कारण बनते जा रहे हैं ।

हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में कुछ स्थान तो ऐसे हैं जहां पर कूड़ा करकट वेस्ट अन्य गंदगी बेतरतीब और लापरवाही के साथ में फैली हुई देखी जा सकती है। इसी प्रकार की गंदगी और कूड़े करकट के ढेर में आवारा मवेशियों के साथ ही गोधन को भी अपना पेट भरने के लिए अपने मतलब की सामग्री तलाशते हुए देखा जा सकता है । वही कूड़ा करकट कचरा इत्यादि में से ऐसा कबाड़ चुगने वाले या चुनने वाले लोग भी कूड़े करकट के ढेर में तलाशी अभियान चलाते हुए देखे जा सकते हैं । इस प्रकार का कार्य करते समय कूड़ा करकट चुगने अथवा बीनने वालों के मुंह पर बचाव के लिए मास्क भी नहीं होते हैं । वही इस प्रकार का कार्य करने वाले लोग जिनमें मासूम बच्चों से लेकर महिलाएं और पुरुष भी शामिल हैं, कूड़ा करकट में हाथ पाव मारने के बाद अपने अपने घरों या फिर झुग्गी झोपड़ियों में लौट जाते है।

वह इस बात से भी अनजान रहते हैं कि जाने अनजाने में कूड़े करकट के ढेर से बीमारियों के कीटाणु इत्यादि भी ला सकते हैं और ऐसे में जब एक ही झोपड़ी इत्यादि में पूरा परिवार एक साथ गुजर बसर करते हुए खाना बनाता और सेवन करता है । तो इस बात की कोई गारंटी नहीं की बीमारी और बीमारी के कीटाणु एक दूसरे तक फैल सकते हैं । एनजीटी के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के विपरीत बीते दिनों पटौदी में वार्ड 15 के अंदर पटौदी लघु सचिवालय के सामने ही अलसुबह वेस्ट , थर्माकोल, प्लास्टिक व अन्य कूड़े करकट के ढेर में आग लगा दी गई । आग लगाने के बाद धुएं का गुबार दूर से ही आसमान में फैला हुआ दिखाई दिया। इस मामले की सूचना पटौदी पालिका प्रशासन के अधिकारी तक भी पहुंची, लेकिन यह बात अभी तक रहस्य बनी है कि इस प्रकार से सार्वजनिक तौर पर कूड़ा करकट जलाने पर आरोपी के खिलाफ क्या कुछ कार्यवाही की गई ? इसके बाद में हेली मंडी में ही मिर्जापुर रोड पर तरुण त्रिवेणी परिसर के पास बनाए गए डंपिंग यार्ड में डाले जा रहे कूड़े करकट के मामले की एनजीटी में शिकायत के उपरांत प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड की टीम के द्वारा मौका मुआयना किया गया । यह टीम जाटोली में मौजूद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना करने के लिए भी पहुंची । यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी हरे भरे पेड़ों को जहां नष्ट कर चुका है । वहीं आस-पास में ही खेतों में भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी भरने से किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है।

नगर पालिका प्रशासन हेली मंडी के द्वारा बीते वर्ष के मुकाबले इन दिनों कूड़ा करकट कचरा इत्यादि एकत्रित कर डंपिंग यार्ड में ले जाने वाले वाहनों की संख्या भी बेहद कम और सीमित दिखाई दे रही है। ऐसे में अपेक्षाकृत कूड़ा करकट कचरा गंदगी के ढेर यहां वहां आम जनमानस सहित स्थानीय दुकानदारों निवासियों के लिए भी परेशानी का कारण बन जाते हैं। इधर अचानक बदले मौसम के साथ होने वाली बूंदाबांदी के बीच बेतरतीब यहां वहां फैला कूड़ा कचरा गीला होने के बाद इसकी बदबू और भी अधिक परेशानी का कारण बनती दिखाई दे रही है । ऐसे में लोगों की भी प्रतिक्रिया है कि अतिक्रमण से कहीं अधिक खतरनाक नियमित रूप से सफाई नहीं होना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है । प्रशासन को सबसे पहले सफाई व्यवस्था पर लगाम कसने की जरूरत है। 

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