डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पकड़ा 42 करोड़ का 85 किलो गोल्ड
डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पकड़ा 42 करोड़ का 85 किलो गोल्ड
नई दिल्लीः डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम ने एक खुफिया ऑपरेशन कोड-नाम ‘मोल्टेन मेटल’ के तहत कई भारतीय और विदेशी (चीनी, ताइवानी और दक्षिण-कोरियाई) नागरिकों को पकड़ा है, जो एयर कार्गो का उपयोग करके हांगकांग से भारत में सोने की तस्करी में लिप्त थे.
खुफिया सूत्रों ने डीआरआई को बताया की मशीनरी के पुर्जों के रूप में तस्करी किए गए सोने को स्थानीय बाजार में बेचने से पहले पिघला कर बार और सिलेंडर के आकार में ढाला जाता है. उक्त खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई अधिकारियों ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में आयात एक खेप की जांच की.
जांच के दौरान, खेप में ट्रांसफॉर्मर के साथ लगे इलेक्ट्रोप्लेटिंग मशीन पाए गए. ट्रांसफॉर्मर के ‘ईआई’ लैमिनेट्स सोने के निकले, जिसकी पहचान छिपाने के लिए निकिल प्लेटिंग की गयी थी. आयात किये गए 80 इलेक्ट्रोप्लेटिंग मशीनों में से प्रत्येक से लगभग एक किलो सोना बरामद किया गया. आगे की जांच के दौरान की गई कार्रवाई में, इससे पहले इसी तरह तस्करी कर लाए गए सोने का पता लगाते हुए दिल्ली के एक ज्वेलर तक पहुंच कर, उससे 5 किलो 409 ग्राम फॉरेन ओरिजिन का गोल्ड बरामद किया गया.
इसके अलावा छतरपुर और गुरुग्राम में कई किराये के मकानों में तलाशी अभियानों के दौरान, चार विदेशी नागरिक, जिनमें दक्षिण कोरिया से दो और चीन और ताइवान से एक-एक शामिल थे, पकड़ा गया. ये आरोपी तस्करी किए गए सोने को ‘ईआई’ के रूप में परिवर्तित करने के लिए परिष्कृत धातुकर्म तकनीकों का उपयोग करते हुए पाए गए, जो इन गोल्ड को बार और सिलेंडर का आकार दे रहे थे.
ये गतिविधियां विदेशी नागरिकों द्वारा दक्षिण दिल्ली और गुरुग्राम के आलीशान इलाकों में किराए के फार्महाउस- अपार्टमेंट में संचालित की जा रही थीं. इसके लिए वो अत्याधिक सावधानी बरत रहे थे, जिससे उनके निकटतम पड़ोसियों को भी इसकी जानकारी ना हो पाए. बरामद गोल्ड, जिसका कुल वजन 85 किलो 535 किलोग्राम है और इसकी कीमत लगभग 42 करोड़ रुपये बताई जा रही है. तस्करी गतिविधियों में शामिल चार विदेशी नागरिकों से आगे की पूछताछ जारी है।
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