मुश्किल में फंस सकते हैं दिग्विजय सिंह! 28 साल पहले हुई मौत की फिर खुलने जा रही फाइल
भोपाल: 28 साल पहले मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले मौत के मामले की फाइल फिर से खुलने जा रही है. मामला मध्य प्रदेश कांग्रेस की कद्दावर नेत्री सरला मिश्रा की मौत से जुड़ा है. बता दें कि भोपाल में साउथ टी टी नगर स्थित शासकीय आवास में सरला मिश्रा की जलने से संदिग्ध मौत हो गई थी. साल 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान जिला कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट पेश की गई थी. इसे लेकर सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था. इसके बाद जिला अदालत ने मंगलवार को इस मामले में पेश खात्मा रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला देते हुए मौत के कारणों की फिर से जांच करने के निर्देश दिए हैं. इसे लेकर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि दिग्विजय सिंह मुसीबत में फंस सकते हैं.
सरला मिश्रा की मौत के मामले की फाइल फिर खुलेगी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मुश्किल में फंस सकते हैं क्योंकि 28 साल पुरानी कांग्रेस नेता सरला मिश्रा के मौत की फाइल एक बार फिर से खुलने जा रही है. भोपाल की जिला अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में पुलिस को दोबारा जांच करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि साल 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान न्यायालय में इस केस को लेकर खात्मा रिपोर्ट पेश की गई थी.
सरला मिश्रा के भाई ने लगाए हैं गंभीर आरोप
इस मामले में सरला के भाई अनुराग मिश्रा ने दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि “उस समय के राजनीतिक हालात के कारण उनकी बड़ी बहन की हत्या की गई थी, जिसे आत्महत्या दर्शया गया था.” सरला मिश्रा के छोटे भाई अनुराग मिश्रा ने कहा कि “उस समय बीजेपी के विधायकों ने 10 दिन तक विधानसभा चलने नहीं दी थी. परिवार ने हत्या का आरोप उस समय मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह पर लगाए थे.” आरोप है कि “उस वक्त पुलिस अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री आवास से आए थे. हम तब से ही इन्साफ का इंतजार कर रहे हैं 28 साल हो गए.” साथ ही उस समय हुई जांच की कार्रवाई पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए हैं. उस समय मोबाइल फोन नहीं होते थे लैंड लाइन फोन हुआ करते थे तो फोन की कॉल डिटेल की जांच क्यों नहीं की गई.”
सरला मिश्रा के भाई ने हाईकोर्ट में किया था चैलेंज
कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने मीडिया को बताया कि “28 साल बाद बहन की मौत के मामले में न्याय की उम्मीद जगी है. उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि इस मामले की 3 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों का पैनल बनाकर जांच की जाए. अनुराग मिश्रा ने बताया कि सरला मिश्रा की मौत के 22 साल बाद इस मामले में 2019 में कांग्रेस सरकार ने खात्मा लगाया था. जिसको उन्होंने हाई कोर्ट में चैलेंज किया था. जिस पर हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था और इसके बाद जिला अदालत में उन्होंने खात्मे को चैलेंज किया था.” जिला अदालत ने मंगलवार को इस मामले की पुन जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं.
अनुराग मिश्रा ने मीडिया के सामने आरोप को दोहराया कि “सरला मिश्रा की हत्या में कांग्रेस के 2 नेताओं का हाथ है. उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं की गई और कई लोगों के बयान नहीं लिए गए साथ ही साक्ष्य भी मिटाए गए.”