700 छात्रों को दी कृमि नाशक, कैल्शियम, आयरन की खुराक
700 छात्रों को दी कृमि नाशक, कैल्शियम, आयरन की खुराक
15 वर्ष आयु वर्ग तक के किशोरवय के लिए कृमि नाशक जरूरी
युवा प्रत्येक 6 माह के अंतराल पर ले सकते हैं कृमि नाशक
कैल्शियम और आयरन किशोरियों के लिए बहुत लाभदायक
फतह सिंह उजाला
पटौदी । राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष पर पटौदी क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के छात्रों को कृमि नाशक होम्योपैथिक मेडिसिन का वितरण किया गया। टीपीएस आदर्श पब्लिक स्कूल और रेवती देवी आर्य पब्लिक स्कूल में इस मौके पर छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य के दृष्टिगत आयुष विभाग के तत्वाधान में हेली मंडी होम्योपैथिक अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ जयिता चौधरी के द्वारा लगभग 700 छात्र-छात्राओं को कृमि नाशक टेबलेट, आयरन और कैल्शियम की खुराक का वितरण किया गया। इस मौके पर राकेश सिंह आर्य, संजीव चौहान, प्रिंसिपल अनुराधा सिसोदिया ने अपना सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
इस मौके पर होम्योपैथिक मेडिकल ऑफिसर डॉ जयिता चौधरी ने छात्र-छात्राओं सहित अभिभावकों के बीच कहा कि 15 वर्ष आयु वर्ग तक कृमि नाशक का सेवन किया जाना बहुत ही लाभदायक साबित होता है । उन्होंने कहा यह कृमि नाशक मेडिसन अथवा टेबलेट प्रत्येक 6 माह के अंतराल पर ली जा सकती है । इसी मौके पर उन्होंने किशोरवय छात्राओं के लिए कहा कि युवतियों के लिए कैल्शियम और आयरन का सेवन किया जाना बहुत ही लाभदायक साबित होता है। शरीर में कैल्शियम और आयरन की कमी नहीं रहनी चाहिए, यह दोनों ही शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में बहुत लाभकारी हैं ।
उन्होंने कहा जितना अधिक संभव हो सके ऐसी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जाना चाहिए, जिनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। इसी मौके पर अनेक छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य की भी जांच की गई और जो भी परेशानी डॉक्टर जयिता चौधरी को बताई गई संबंधित छात्रों को होम्योपैथिक मेडिसन देते हुए स्वस्थ रहने के लिए सुझाव भी दिए गए। इसके साथ ही छात्र छात्राओं को थ्री लेयर मास्क का वितरण भी किया गया। उन्होंने कहा सभी के सहयोग और जागरूकता का ही परिणाम है कि आज के समय में कोरोना जैसी महामारी पर बहुत अधिक नियंत्रण कर लिया गया है । सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी दिशा निर्देशों और गाइड लाइन का पालन करते रहना चाहिए। इसी मौके पर उन्होंने छात्र वर्ग का आह्वान किया कि बाजार में बिकने वाले फास्ट फूड इत्यादि का सेवन करने से बचें और घर में बना हुआ खाना अथवा भोजन ग्रहण करने को ही प्राथमिकता प्रदान करें।
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