किसान से टकराव नहीं, फसल का उचित दाम दिलाएंगे: डिप्टी सीएम
किसान से टकराव नहीं, फसल का उचित दाम दिलाएंगे: डिप्टी सीएम
गेहूं और सरसों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का भरोसा दिलाया
हिसार के बाद दिल्ली होते हुए डिप्टी सीएम शुक्रवार को गुरूग्राम पहुंचे
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना लोकतंत्र में सभी का अधिकार है। हम किसान से टकराव नहीं चाहते। हमारा लक्ष्य है कि किसान को उसकी फसल का उचित दाम तय समय पर दिया जाए और वह राशि भी सीधे उसके खाते मे जाए। सूबे के उप डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला ने शुक्रवार को यहां गांव बंधवाड़ी के पास नवनिर्मित फलाईओवर का उद्घाटन करने के बाद में पत्रकारों से बातचीत में यह विचार व्यक्त किए हैं। गुरूवार को हिसार में हुई घटना के सवाल पर दुष्यंत चैटाला ने यही जवाब दिया, साथ ही उन्होंने किसानों को गेहूं और सरसों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इसके लिए सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सरकारी खरीद ऐजेंसियों ने पहली बार पहली अपै्रल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू कर दी हैं।
खुले बाजार में सरसों के दाम अधिक
उन्हांेने कहा कि सरसों का खुली मार्केट में किसानों को अच्छा भाव मिल रहा है जोकि 5200 रूपए से लेकर 5400 रूपए क्विंटल बताया जा रहा है। दुष्यंत चैटाला ने कहा कि हमारा ध्येय है कि इस महामारी के दौर में किसान को अपनी फसल बेचने के लिए परेशान ना होना पड़े। इसके लिए मंडियों में सरकारी खरीद की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूं फसल की खरीद पहली अपै्रल से शुरू हो गई है। हमारे पास अब तक 13 मंडियों में गेहूं का आह्वान आया है। जैसे-जैसे उसका बिक्री के लिए नंबर आ रहा है, बकायदा एक-एक किसान की फसल खरीदी जा रही है। दुष्यंत चैटाला ने कहा कि अभी भी सुबह से खरीद कार्य पर रिपोर्ट ले रहे हैं। इस दौरान केवल पलवल में थोड़ी दिक्कत मालूम हुई, जिसके लिए उन्होंने तत्काल अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए कि उसका तत्काल समाधान करें और किसान को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
किसान, और आढ़ती को दिये आप्शन
दुष्यंत चैटाला ने कहा कि किसानों की फसल की सरकारी खरीद में किसी प्रकार की कोताही पाई गई तो उस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी प्राथमिकता है कि जो भी पंजीकृत किसान हैं, उसको जिस दिन मंडी या खरीद केंद्र मंे फसल बिक्री के लिए बुलाया जाता है और वह अपनी फसल लेकर आता है तो उसकी फसल तुरंत खरीदी जाए। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह आॅप्शन भी दे रखा है कि 50 प्रतिशत किसानों को सरकार बुलाएगी और 20 प्रतिशत किसान, जिनकी फसल पक चुकी है तथा वे चाहते हैं कि सरकार उनकी फसल पहले खरीदे, वे अपने आपको रजिस्टर करवा सकते हैं, उनको भी टोकन दिया जाएगा। इसके अलावा, 30 प्रतिशत किसान बुलाने की पाॅवर हमारे आढती भाईयों को भी दे रखी है। किसानों से जिन आढतियों का पुराना लेनदेन रहा है, अगर वे किसान आढतियों से संपर्क करके तय तारीख से पहले अपनी फसल लाना चाहते हैं तो वे आढती के माध्यम से रजिस्टेªशन प्रक्रिया के अंदर अपनी फसल की बिक्री को प्रीपाॅन अर्थात् पहले करवा सकते हैं।
500 केंद्रों पर फसल की सरकारी खरीद
गांव बंधवाड़ी में ग्रामीण संभा को संबोधित करते हुए भी उपमुख्यमंत्री ने किसानों की फसल खरीदने के प्रबंधों का विस्तार से उल्लेख किया और बताया कि प्रदेश में लगभग 500 खरीद केंद्रों पर फसल की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। इस बार गेहूं की लगभग 80 लाख मीट्रिक टन आने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान जब अपनी फसल बेचने के लिए खरीद केंद्र या मंडी में लेकर आएगा और उस समय जब उसे जे फार्म मिलेगा, उसके 40 घंटे के अंदर किसान को उसकी फसल की कीमत की अदायगी हो जाएगी। दुष्यंत चैटाला ने कहा कि यदि 72 घंटे में किसान को अदायगी नहीं हुई तो सरकार उस राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज देगी। उन्होंने बताया कि इस बार 6 फसल एमएसपी अर्थात् न्युनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है। इस प्रकार के एक-एक कदम किसान को मजबूती देंगे। उन्होंने आज फिर विपक्षी दलों पर भोले किसानों को बहकाने का आरोप भी लगाया।
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