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इंच्छा पुरी मंदिर के जोहड़ में घटता जा रहा जलस्तर

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इंच्छा पुरी मंदिर के जोहड़ में घटता जा रहा जलस्तर

मवेशियों और मछलियों के लिए बन गया पानी का संकट

जोहड़ के साथ  वाटर सप्लाई 2 वर्ष से बनी सफेद हाथी

इस वाटर सप्लाई से अभी तक नहीं डाली गई पाइपलाइन

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
   शासन प्रशासन और सरकार समय-समय पर निर्देश देते रहे हैं कि देहात के इलाके में जोहड़ में पर्याप्त पानी की व्यवस्था बनी रहनी चाहिए । जिससे कि गर्मी के मौसम में खासतौर से मवेशियों को पीने के लिए पानी उपलब्ध होता रहे ।

लेकिन पौराणिक महत्व के इंच्छापुरी शिव मंदिर परिसर में बना जोहड़ पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण धीरे धीरे सूखने के कगार पर पहुंचता दिखाई दे रहा है । इस जोहड़ में अनेक मवेशी अपनी प्यास बुझाने के लिए पहुंचते रहते हैं ,  वही इसी जोहड़ में अनगिनत मछलियां भी मौजूद हैं । गर्मी के मौसम में पानी का लेवल पर्याप्त नहीं होने की वजह से जोहड़ का पानी आग उगलते सूरज के कारण गर्म होने के बाद सबसे अधिक मछलियों के लिए परेशानी का कारण बन गया है । सुबह शाम पुण्य कमाने के लिए मछलियों को आटे की गोली अथवा दाना डालने के लिए आने वाले लोगों की माने तो गरम पानी के कारण यहां पर अक्सर मछलियों को तड़पते हुए भी देखा जाने लगा है । प्रवासी मवेशी पालक भी अक्सर यहां इंच्छापुरी मंदिर परिसर के जोहड़ में ही मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए लेकर पहुंचते हैं । इसका मुख्य कारण है की मवेशियों को पीने के लिए पानी मिल जाए , वही मवेशियों के पालनहार कुछ समय मंदिर परिसर में ही आराम भी कर सकें ।

जानकारी के मुताबिक इंच्छापुरी शिव मंदिर परिसर के साथ बने जोहड़ में पानी की आपूर्ति की व्यवस्था पास की ही नहर से पाइप लाइन डालकर की गई है । लेकिन बीते काफी दिनों से नहर में पानी नहीं आने की वजह से जोहड़ में पानी का स्तर भी गर्मी के मौसम में बहुत तेजी से घटता जा रहा है । बेहद चैंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि जोहड़ के साथ ही एक वाटर सप्लाई भी जन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा करीब 2 वर्ष पहले बनाई गई । जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा वाटर सप्लाई बनाने के बाद गांव में पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन नहीं डाली गई है । जिसके कारण यह वाटर सप्लाई आज तक न तो चालू की गई है और ना ही ग्राम पंचायत इंच्छापूरी को ओवरहंड की गई है । गांव के सरपंच विजेंद्र की माने तो ग्राम पंचायत के द्वारा कई बार जन स्वास्थ्य विभाग पटौदी के अधिकारियों से अनुरोध किया जा चुका है कि जोहड़ के साथ बनी गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए संबंधित वाटर सप्लाई को चालू करने के साथ-साथ पाइपलाइन भी बिछाई जाए , लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे हुए बैठा है ।

पशु प्रेमी और जीव प्रेमियों के मुताबिक गर्मी के मौसम में तेज धूप के कारण इस जोहड़ का पानी गरम होकर सबसे अधिक यहां मछलियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है । वही यहां पहुंचने वाले मवेशी भी यहां पानी का तापमान गरम देखकर अपनी प्यास बुझाने में हिचकते हुए देखे जा सकते हैं । ग्रामीणों की मांग है की जन स्वास्थ्य विभाग और नहरी विभाग इंच्छापुरी शिव मंदिर परिसर में बने जोहड़ में पानी का लेवल सुधारने के लिए जल्द से जल्द ठोस कार्यवाही करें । सबसे बेहतर विकल्प यही है कि नहरी पानी इस जोहड़ में पहुंच जाएं तो यहां जोहड़ में पानी का लेवल ऊपर आने से मवेशियों सहित मछलियों को भी बड़ी राहत मिल जाएगी । इसी कड़ी में सरपंच बिजेंद्र का कहना है कि जन स्वास्थ्य विभाग गांव में पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन जितना जल्दी बिछा दे उसका दोहरा लाभ ग्रामीणों के साथ साथ बेजुबान मवेशियों सहित मछलियों को भी मिल सकता है । क्योंकि वाटर सप्लाई से आपात स्थिति में जोहड़ में पानी छोड़ कर मवेशियों सहित मछलियों को राहत देने के लिए पुण्य का कार्य किया जा सकता है । अब देखना यह है कि नहरी विभाग की या फिर जन स्वास्थ्य विभाग की दोनों में से नींद किस विभाग की पहले खुलती है।

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