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उद्योग और उद्योगों में रात्रि शिफट भी चलती रहेगी: डीसी

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उद्योग और उद्योगों में रात्रि शिफट भी चलती रहेगी: डीसी

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रात्रि 10 बजे से प्रातः 5 बजे तक गुरूग्राम जिला में रात्रि कफर्यू

कितने वर्कर, कैसे प्रोडक्ट इनकी सूचना एकत्रित की जाएगी

उद्योग से जारी पहचान पत्र दिखा अपनी ड्यूटी पर जा सकेंगे

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फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। सरकार की उद्यमी प्रोत्साहन नीति के तहत उद्योगों के लिए गठित जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी तथा जिला स्तरीय ग्रीवेंस कमेटी की बैठक गुरूग्राम के उद्योग विहार फेज-4 स्थित काॅयन पार्क में आयोजित की गई । इसकी अध्यक्षता डीसी डा. यश गर्ग ने की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर रात्रि 10 बजे से प्रातः 5 बजे तक गुरूग्राम जिला में रात्रि कफर्यू लगाया गया है। इस दौरान उद्योग चलते रहेंगे और उद्योगों में रात्रि शिफट भी चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि कफर्यू पास सरल पोर्टल के माध्यम से जारी होंगे लेकिन सरल पोर्टल चलने तक गुरूग्राम के उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारी उन्हें अपने उद्योग से जारी पहचान पत्र दिखाकर अपनी ड्यूटी पर जा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रात्रि कफर्यू में उद्योगो में कामकाज बंद नही होगा और रात्रि शिफट भी चलती रहेंगी।

बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम में जल्द ही उद्योगों का एक सर्वे होगा जिसमें वह किस प्रकार का उद्योग है, कितने वर्कर काम करते हैं, किस प्रकार के प्रोडक्ट वहां बनाए जा रहे हैं आदि के बारे में सूचना एकत्रित की जाएगी। उपायुक्त ने गुरूग्राम जिला के सभी उद्यमियों से अपील की है कि वे इस सर्वे में अपना सहयोग दें।  बैठक में डीसी ने यह भी कहा कि कुछ उद्योगों में टैक्नीकल ग्रैड यूरिया का प्रयोग कच्चे माल के तौर पर होता है। सरकार की हिदायत अनुसार ऐसे उद्योगों को चिन्हित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे टैक्नीकल ग्रैड यूरिया का ही प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि कार्यों में फसलों में भी खाद के रूप में यूरिया का इस्तेमाल होता है जिसे सरकार ने अलग पहचान देने के लिए नीम कोटिड किया हुआ है। उद्योगों में नीम कोटिड यूरिया का प्रयोग नही किया जा सकता क्योंकि वह किसानों के लिए रियायती दरों पर उपलब्ध करवाई जाती है।

39 मामले कंसेंट और एनओसी के रखे
डीसी ने यह भी कहा कि एनओसी तथा कंसेंट के लिए एचईपीसी पोर्टल पर मिलने वाले आवेदनों में यदि कोई दस्तावेजों की कमी होती है तो संबंधित उद्योग को इसके बारे में समय पर सूचित करें ताकि उसे सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि में एनओसी अथवा कंसेंट का पत्र मिल जाए।  जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी में कुल 39 मामले कंसेंट और एनओसी के रखे गए थे जिनमें से उपायुक्त ने मौके पर ही 13 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की। बाकि मामलों में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने बताया कि ये मामले उनके मुख्यालय पर लंबित है और वे उच्च अधिकारियों से संपर्क करके उनका निपटारा जल्द करवा देंगे।
आज की बैठक में बताया गया कि सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि उद्योग विहार में सड़कों व ग्रीन बैल्ट आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर के रख रखाव का कार्य हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम करेगा। एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने बताया कि उद्योग विहार की तीन सैक्टर डिवाइडिंग रोड़ जीएमडीए को ट्रांसफर की जा चुकी हैं , उन्हें छोड़कर बाकि सड़कों आदि का रख रखाव वे करेंगे। उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित उद्यमियों से कहा कि उद्योग विहार इंडस्ट्रीयल एस्टेट को पहले की तरह सुंदर बनाने में एचएसआईआईडीसी का सहयोग करें। इस अवसर पर जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक आई एस यादव , एचएसआईआईडीसी से अरूण गर्ग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संदीप सिंह व नेहा सहारण, उप श्रम आयुक्त रमेश आहूजा व दिनेश , बिजली निगम से आकाश कटारिया, अग्निशमन विभाग से आई एस कश्यप , नगर निगम से नरेश, खनन विभाग से अनिल कुमार  आदि सहित कमेटी के सभी सदस्य तथा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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