Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर डीसी निशांत का मास्टर प्लान

42

भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर डीसी निशांत का मास्टर प्लान

डीसी द्वारा जिला व उपमंडल स्तर पर विजिलेंस कमेटियों का गठन

गुरुग्राम जिला में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की रोकथाम को गंभीर

विकास में गुणवत्ता व जनकल्याणकारी कार्य में शुचिता सुनिश्चित होगी

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम ।
 प्रदेश सरकार के आदेशों को अमलीजामा पहनाते हुए डीसी निशांत कुमार यादव ने भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया है। गुरुग्राम जिला में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए जिला व उपमंडल स्तर पर विजिलेंस कमेटियां गठित की है। ये कमेटियां विकास परियोजनाओं में गुणवत्ता व जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में शुचिता सुनिश्चित करेंगी।

डीसी यादव ने कहा कि ये कमेटियां सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों तथा विकास संबंधी परियोजनाओं के सुचारू रूप से संचालन के साथ इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी एडीसी की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इस कमेटी के अन्य 4 सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का कार्यकारी अभियंता शामिल होगा, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही, इस कमेटी में सर्वशिक्षा अभियान का अकाउंटस आफिसर ,स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का डीएसपी सतेंद्र कुमार, संबंधित विभाग का अधिकारी( कार्यालय अध्यक्ष या उसका प्रतिनिधि) को सदस्य के रूप में  शामिल किया गया है। इसी प्रकार, उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटियों में चेयरपर्सन सहित 4 सदस्य होंगे। प्रत्येक उपमंडल में सम्बंधित उपमंडल अधिकारी (ना.) कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। उपमंडल स्तरीय विजिलेन्स कमेटी के अन्य सदस्यों में लोक निर्माण विभाग या जनस्वास्थ्य विभाग या किसी भी विभाग का उपमंडल अभियंता शामिल होगा, जिसका चयन कमेटी के चेयरपर्सन द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही एक अकाउंटस ऑफ़िसर व संबंधित विभाग का कार्यालय अध्यक्ष  या उसका प्रतिनिधि कमेटी के अन्य सदस्यों में शामिल होंगे।  

सरकारी विभागों की सरप्राइज चेकिंग शामिल

कमेटी विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज व आचरण की सरप्राइज चेक कर सकेगी। इसके अतिरिक्त जनसेवा से जुड़े विभाग जिनमें स्कूल, पीएचसी, अन्य स्वास्थ्य संस्थान, राजस्व, स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, परिवहन विभाग, पुलिस थाना आदि में विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों के कृत्यों या अनदेखी, गलत आचरण व ड्यूटी के प्रति लापरवाही की जांच करने में सक्षम होगी। साथ ही विकास परियोजनाओं में सामग्री की गुणवत्ता, आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी व कालाबाजारी, फसल खरीद सीजन के दौरान मंडियों में निरीक्षण व भौतिक सत्यापन, खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, मिलावट आदि के साथ ही जनहित से संबंधित मामलों की जांच करेंगी।

जिला कमेटी पखवाड़ा व सब डिविजन कमेटी द्वारा सप्ताह में जांच
उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपए तक के ग्रुप बी, सी और डी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच ज़िला स्तरीय कमेटी करेगी तथा बाक़ी मामले मुख्यसचिव को भेजे जाएँगे। ये कमेटियाँ किसी भी पब्लिक ऑफ़िस का लोकल ऑडिट कर सकेंगी और किसी विभाग में सरकारी धनराशि में सभी श्रेणियों के कर्मियों के घपले, ग़बन, रिश्वतख़ोरी के बारे में शिकायतों की जाँच भी करेंगी। इन जाँच मामलों में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। डीसी ने बताया कि एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिला में कहीं भी तथा एसडीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी उपमंडल में कहीं भी या डीसी की अनुमति से एक सबडिविजन की कमेटी दूसरे सब डिवीजन में जांच व निरीक्षण कर सकती है। जिला स्तरीय कमेटी को एक पखवाड़ा के भीतर व सब डिविजन कमेटी को हर सप्ताह एक-एक निरीक्षण या जांच करनी होगी।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading