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जिला में अब तक 26 हजार 607 गेंहू व 13 हजार 88 मीट्रिक टन सरसों  की खरीद : डीसी

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जिला में अब तक 26 हजार 607 गेंहू व 13 हजार 88 मीट्रिक टन सरसों  की खरीद : डीसी

                                                                शनिवार को 568 मीट्रिक टन गेंहू व 1346 मीट्रिक टन सरसों  खरीदी गई                                                                                                          किसान अपनी उपज को सफाई के बाद सुखा कर ही मंडी में लाएं

                                                   .              फतह सिंह उजाला                                    गुरुग्राम। डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा गेंहू व सरसों की खरीद जारी है। जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों में अब तक 26 हजार 607 मीट्रिक टन गेंहू व 13 हजार 88 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। सरकार द्वारा गेंहू के लिए 2125 रूपए प्रति क्विंटल तथा सरसों के लिए 5450 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। 

डीसी ने बताया कि जिला में अब तक 26 हजार 607 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई है, जिसमें से 5936 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 1727 मीट्रिक टन सोहना,  17468 मीट्रिक टन हेलीमंडी व खोड़ मंडी में  1405 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हुई है। गत शनिवार को  जिला की चारों मंडियों में कुल 568 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई। इस प्रकार जिला में अब तक 13 हजार 88 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। जिसमें से 2299 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 1019 मीट्रिक टन सोहना व हेलीमंडी में 

9770 मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई है। गत शनिवार को  जिला की तीनों  मंडियों में कुल 1346 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई।

डीसी ने किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी फसलों को साफ एवं सुखाकर मंडियों में लाए। किसान फसल अवशेषों को न जलाए। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर किया जा सकता है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा जानमाल की हानि होनेे का अंदेशा बना रहता है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। जिला में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। 

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