अवैध नशा कारोबार के काले बादल छाए ग्रामीण आंचल पर
अवैध नशा कारोबार के काले बादल छाए ग्रामीण आंचल पर।
पिछले कुछ वर्षों से अवैध नशा कारोबारियों ने ग्रामीण क्षेत्र को अपना निशाना बनाया है जहां पहले अवैध नशे का कारोबार शहरी क्षेत्र में होता नजर आता था वहीं अब ग्रामीण क्षेत्र में भी अवैध नशा कारोबारियों ने अपनी जड़ें मजबूत की है। शराब से शुरू हुआ यह अवैध नशे का कारोबार ग्रामीण आंचल में गांजा ,चरस ,अफीम आदी तक पहुंच चुका है।
युवा हो रहे नशे का शिकार।
ग्रामीण क्षेत्र में अवैध नशे का कारोबार फलने के कारण युवा धीरे- धीरे नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। युवा अपनी दैनिक दिनचर्या छोड़कर नशे की तरफ आकर्षित हो रहे हैं क्यों की उन्हें आसानी से ग्रामीण क्षेत्र में नशा उपलब्ध हो रहा है और ऐसे युवाओं को नशा उपलब्ध करवा ये नशा कारोबारी अन्य असामाजिक गतिविधियों में इस्तमाल करते हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र में अपराधीक गतिविधियां भढ रही हैं।
छोटी सरकार की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान?
जिस गांव में अवैध नशे का कारोबार हो रहा है वहा की छोटी सरकार यानी पंचायत की कार्य शली पर सवालिया निशान खड़ा होना लाजमी है, क्यों की छोटी सरकार को गांव की हर गतिविधि पर नजर रखनी होती है इसके चलते ग्रामीण आंचल में अवैध नशे का कारोबार करना आसान नहीं है। इसके बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो छोटी सरकार की संलिप्त्ता से नकारा नहीं जा सकता। छोटी सरकार प्रशासन की मदद लेकर इस कारोबार पर अंकुश लगा शक्ति है लेकिन छोटी सरकार ऐसा नहीं करती है तो सवाल खड़े होना लाजमी है।
सरकार का खुफिया तंत्र भी विफल
ग्रामीण आंचल में अवैध नशे का कारोबार जिस रफ्तार से फल फूल रहा है, इसपर अंकुश लगाने में छोटी सरकार के साथ साथ सरकार का खुफिया तंत्र भी विफल नजर आ रहा है।आखिर कब इस कारोबार पर अंकुश लगेगा या ये कारोबारी यूंही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे।
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