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… राज बब्बर की भूमिका को लेकर बनी जिज्ञासा

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… राज बब्बर की भूमिका को लेकर बनी जिज्ञासा

संसद नहीं तो फिर अब सड़क पर ही बनना होगा मजबूत विपक्ष

लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी करनी होगी कसरत

राज बब्बर पर चुनाव परिणाम के बाद और अधिक बड़ी जिम्मेदारी

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । राज्यसभा और लोकसभा में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले अनुभवी राजनेता राज बब्बर की चुनाव परिणाम के बाद की भूमिका को लेकर जिज्ञासा बनी हुई है। राज बब्बर के द्वारा भविष्य की राजनीति को लेकर  अभी अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं । कुछ ही महीने के बाद में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित है । इन सभी हालत को देखते हुए राज बब्बर की भूमिका को लेकर उत्सुकता का बनना भी स्वभाविक है।

 जिस प्रकार से गिनती के दिनों में राज बब्बर के द्वारा गुड़गांव में पहुंचकर लोकसभा चुनाव में भाजपा और भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह के लिए अपने ही अंदाज में चुनौती प्रस्तुत की गई , उसको देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की राज बब्बर की कआने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में सक्रिय भूमिका रहेगी । जिस प्रकार से चुनाव के दौरान राज बब्बर के द्वारा जनता के बीच पहुंचकर वादे किए गए, उनको देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता राज बब्बर ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधों के ऊपर ले ली है। दूसरी तरफ कांग्रेस हाई कमान के द्वारा राज बब्बर को गुड़गांव के रास्ते हरियाणा और यहां की राजनीति में भेजा गया है । चुनाव के दौरान विभिन्न समस्याओं और मुद्दों को  राज बब्बर के द्वारा उठाया गया और बहुत सी समस्याएं अथवा मुद्दे ऐसे हैं जिनकी राज बब्बर का ध्यान नहीं पहुंच सका। यह बात कहने में किसी भी प्रकार की शंका नहीं है की विधानसभा चुनाव से पहले पहले राज बब्बर को कम से कम गुड़गांव संसदीय क्षेत्र या फिर अहीरवाल अथवा दक्षिणी हरियाणा में एक बार फिर से दौरा करते हुए यहां की समस्याओं और लोगों की जरूरत की गहराई तक पहुंचना ही होगा। जिससे कि वह सड़क पर सत्ता पक्ष के खिलाफ मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा सके।

इसके अलावा अनुभवी राजनेता राज बब्बर को और भी विभिन्न प्रकार के कांग्रेस पार्टी या फिर संगठन को लेकर अनुभव प्राप्त करने का भी मौका मिलेगा। हरियाणा प्रदेश में जिस प्रकार का संगठन कांग्रेस पार्टी का होना चाहिए, उस प्रकार का संगठन दिखाई नहीं देता है । यहां पर कार्यकर्ता और नेता ही वरिष्ठ नेताओं की खेमेबंदी में बैठे हुए अधिक दिखाई देते हैं। इस बात का अनुभव निश्चित रूप से राज बब्बर को चुनाव में भी मिल गया होगा । जानकार लोगों का यह भी मानना है कि जिस प्रकार से राज बब्बर ने अल्प समय में गुड़गांव संसदीय क्षेत्र के रेवाड़ी, नुह और साइबर सिटी गुरुग्राम जिला के नौ विधानसभा क्षेत्र में वोट का समर्थन प्राप्त किया है । यह समर्थन कहीं ना कहीं लोगों के द्वारा भविष्य के राजनीतिक बदलाव की मजबूत नींव के रूप में देखा जा रहा है। अब यह तो भविष्य और आने वाला समय ही बताएगा , कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस किस प्रकार  की राजनीतिक जिम्मेदारी राज बब्बर के कंधों पर सौंपती है । विधानसभा चुनाव के अलावा गुड़गांव और मानेसर में नगर निगम के चुनाव के अलावा राव इंद्रजीत सिंह के सबसे मजबूत राजनीतिक गढ़ पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुनाव होना भी प्रस्तावित है।

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