इंदौर की डब्ल्यूआर-वन योजना में किसानों की जमीन अधिग्रहण पर कोर्ट की रोक
MP High Court: इंदौर की डब्ल्यूआर-वन योजना में किसानों की जमीन अधिग्रहण पर कोर्ट की रोक
इंदौर। इंदौर में एमआर-फोर से जुड़ी योजना डब्ल्यूआर-वन में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। इंदौर नगर निगम ने जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को बीते दिनों नोटिस जारी किए थे। इसके खिलाफ छह किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर अधिग्रहण की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही शासन, इंदौर विकास प्राधिकरण और नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आइडीए और इंदौर नगर निगम की डब्ल्यूआर-वन योजना में एमआर-फोर और आइएसबीटी के निर्माण के साथ सुखलिया क्षेत्र में अन्य विकास की योजना है। सुखलिया ग्राम में आने वाली किसानों की जमीन भी इन योजनाओं में अधिग्रहित की जानी है। शहर और नगर निगम सीमा में आ चुकी बेशकीमती जमीन के अधिग्रहण का किसान विरोध कर रहे हैं।
बिना मुआवजे के अधिग्रहित कर रहे थे जमीन
प्रभावित किसान सुभाष चौधरी, ओम चौधरी, गेंदालाल, कोमोबाई और अन्य ने कुल छह याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की थी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मनीष यादव अधिवक्ता मेहुल वर्मा ने अधिग्रहण की कार्रवाई को कानून के विरुद्ध बताते हुए चुनौती दी थी। याचिका में उल्लेख किया था कि निगम के द्वारा किसानों की बेशकीमती जमीन बिना किसी मुआवजे के अधिग्रहित की जा रही है। भूमि अधिग्रहण कानून और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।
चार सप्ताह में मांगा जवाब
दो अलग-अलग एकलपीठों ने तीन-तीन याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई की। तर्कों से सहमत होकर हाई कोर्ट ने अधिग्रहण की कार्यवाही पर स्थगन आदेश देते हुए निगम, आइडीए और शासन से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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