Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

संविधान ने हम सबको दिए हैं बराबरी के अधिकार: नवीन गोयल

6

संविधान ने हम सबको दिए हैं बराबरी के अधिकार: नवीन गोयल

-महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का गुरुग्राम पहुंचने पर किया स्वागत
-संविधान में दिए अधिकारों के प्रति जागरुक करने का चलाएंगे अभियान

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। शुक्रवार को गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मार्कण्डेय आहूजा एवं उनकी पत्नी अंजू आहूजा द्वारा कोरोना महामारी पर लिखी गई पुस्तक जीतेंगे करोना से रण के विमोचन कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का स्वागत किया।

कार्यक्रम में कुलपति डा. मार्कण्डेय आहूजा, अंजू आहूजा, हरेरा के चेयरमैन केके खंडेलवाल, जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। संविधान दिवस के अवसर पर महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा बधाई दी गई। महामहिम राज्यपाल का स्वागत करते हुए नवीन गोयल ने कहा कि सामाजिक कार्यों में उनकी रुचि बहुत अधिक रहती है। प्रदेश की आम जनता से राज्यपाल महोदय का लगाव, जुड़ाव इस बात को दर्शाता है कि वे समाज के बीच में रहकर सामाजिक कार्यों को करीब से देखते हैं। उन पर स्वयं भी काम करते हैं। नवीन गोयल ने आहूजा दंपत्ति को पुस्तक के रूप में महत्वपूर्ण दस्तावेज लिखने के लिए शुभकामनाएं भी दी और धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और शिक्षाविद् के रूप में डा. मार्कण्डेय आहूजा ने समाज को बहुत कुछ दिया है। गुरुग्राम शहर में शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा अनुकरणीय कार्य किए जा रहे हैं।

महामहिम राज्यपाल के समक्ष नवीन गोयल ने कहा कि संविधान में दिए गए अधिकारों को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम भी शुरू की जाएगी। नवीन गोयल ने कहा कि संविधान में हर किसी को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हर व्यक्ति को विशेष अधिकार दिए गए हैं। भारत का संविधान विश्वव के किसी भी गणतांत्रिक देश का लिखित रूप में सबसे लंबा संविधान है।

उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर 1949 को पारित भारत के संविधान को 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था। 19 नवम्बर 2015 को इसे बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया। डा. भीमराव अंबेडकर आजाद भारत के पहले कानून मंत्री थे और संविधान सभा की कमेटी के चेयरमैन भी। सब भारतीय अपने संविधान में दिए गए नियमों, अधिकारों में बंधे हैं। हर किसी के लिए संविधान में प्रावधान है। हमारे संविधान में देश के नागरिकों को छह मौलिक अधिकार समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार। हमारे संविधान में समाजवाद को भी शामिल किया गया है, यानी किसी भी जाति, रंग, नस्ल, लिंग, धर्म या भाषा के आधार पर यहां कोई भेदभाव नहीं किया जाता। सभी को बराबरी का दर्जा प्राप्त है।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading