श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक : दुष्यंत चौटाला
श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा का संरक्षण आवश्यक : दुष्यंत चौटाला हरित ऊर्जा पूरे भारत में सतत विकास को गति प्रदान करने में पूरी तरह सक्षम हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने की मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत दुष्यंत ने गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का किया भारंभ
अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध
फतह सिंह उजाला गुरुग्राम 17 अगस्त । गुरुग्राम विवि के प्रबंधन विभाग और कॉलेज ऑफ बिजनेस, वैलपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए के संयुक्त तत्वावधान में “व्यापार की पुनर्कल्पना: प्रौद्योगिकी एवं हरित प्रथाओं का उपयोग” विषय पर दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार 17 अगस्त को गुरुग्राम विवि के सभागार में बड़े उत्साह के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया । दो दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य विचारों, प्रौद्योगिकियों , रणनीतियों और हरित प्रथाओं को गति प्रदान करना है जो आधुनिक युग में पर्यावरण संरक्षण हेतु व्यवसायों के संचालन के तरीके को नया आकार दे सके । उद्घाटन समारोह में हरियाणा सरकार के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने मुख्य अतिथि एवं गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में शिरकत की। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में जीयू द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि व्यवसाय विकास, नई तकनीक, और विशेष रूप से हरित प्रथाओं जैसे विषय केवल चर्चा के विषय नहीं हैं बल्कि ये ऐसे स्तंभ हैं जिन पर प्रगति, स्थिरता और नवाचार की इमारत टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित प्रथाओं के उपयोग पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आगे उप मुख्यमंत्री ने हरित ऊर्जा पर बोलते हुए कहा कि हरित ऊर्जा पूरे भारत में सतत विकास को गति दे सकती है । भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है, उन्होंने श्रेष्ठ और समर्थ भविष्य के लिए ऊर्जा के संरक्षण को आवश्यक बताया ।उन्होंने अपने सम्बोधन में इलेक्ट्रिक कारों, सोलर लाइटें, आईटी उद्योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला आगे उन्होंने कहा कि व्यवसाय, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण चेतना के क्षेत्र एक-दूसरे के साथ जटिल रूप से जुड़े हुए हैं।आज हमारे बिजनेस मॉडल में नई प्रौद्योगिकियों का एकीकरण अब कोई विकल्प नहीं रह गया है; यह एक अनिवार्यता है । इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अध्यक्षीय भाषण दिया।उन्होंने दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश विदेश के सैकड़ों विद्वानों को एक मंच पर लाने के लिए जीयू के प्रबंधन विभाग और उसकी डीन अमरजीत कौर को बधाई दी । उन्होंने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के वरिष्ठ अधिकारी प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, विमानन उद्योग की अनुभवी डॉ. हरप्रीत ए डी सिंह ने विमानन क्षेत्र में हरित प्रथाओं और तकनीकी प्रगति की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए। ‘दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र के बाद पैनल चर्चा में गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के साथ-साथ वैलपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए से आए अनेक विद्वान वक्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग जगत से जुड़े पेशेवरों ने पैनल चर्चा में भाग लेकर विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे ।
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