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प्रदेश में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करे गठबंधन सरकार :- पी.बी.एस. एस.

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प्रदेश में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करे गठबंधन सरकार :- पी.बी.एस. एस.

26 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री आवास का घेराव :- सुशील कटारिया

2018 से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन कर रही है संघर्ष समिति

प्रधान संपादक योगेश

आज पेंशन बहाली संघर्ष समिति जिला गुरुग्राम इकाई की मीटिंग कमला नेहरू पार्क में हुई जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान सुशील कटारिया ने और संचालन जिला महासचिव बलराज ने किया। संघर्ष समिति हरियाणा में 2006 के बाद नियुक्त कर्मचारियों/ अधिकारियों के लिए 2018 से लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रही है। इसके लिए संघर्ष समिति द्वारा प्रदेश में लगातार पेंशन आंदोलन चलाया का रहा है और कई बार बड़ी रैलियों के साथ-साथ ब्लॉक और जिला स्तर पर प्रदर्शन करती रही है। सबसे खास बात प्रदेश के सभी विभागों के संगठन एक मात्र मांग पुरानी पेंशन बहाली के किए पेंशन बहाली संघर्ष समिति के साथ समर्थन में खड़े है।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के जिला प्रधान सुशील कटारिया ने बताया की पेंशन बहाली संघर्ष समिति सम्बंधित नैशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रयास से चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन नीति बहाल हो चुकी है और हिमाचल में भी जल्द पुरानी पेंशन बहाल होने वाली है। संघर्ष समिति की राज्य कार्यकारिणी ने गठबंधन सरकार से प्रदेश में आगामी शीतकालीन सत्र में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग की अन्यथा पेंशन बहाली संघर्ष समिति 26 फरवरी 2023 में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी। इस अवसर पर ब्लॉक व जिला कार्यकारिणी से रामधन खेड़ा, देवेंद्र कुमार,सुदीप राठी, सुनेहरा मालिक, जसविंद्र शास्त्री, दुलीचंद, दीपक यादव, कुलदीप, सतीश शास्त्री, योगेश आनंद, कृष्ण कुमार इत्यादि ने एक स्वर में कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली का वादा करने के बावजूद गठबंधन सरकार प्रदेश के कर्मचारियों से वादाखिलाफी कर रही है जिसको लेकर प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है अगर शीतकालीन सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नही की जाती तो संघर्ष समिति मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश में पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने का वादा किया था लेकिन आज दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद अपने वादे से भाग रहे है जिस कारण प्रदेश के सभी कर्मचारियों में भारी रोष है।

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