सीएम खट्टर किसानों की लाशों पर अपना प्रयोग नहीं करें: ओम सिंह
सीएम खट्टर किसानों की लाशों पर अपना प्रयोग नहीं करें: ओम सिंह
सीएम खट्टर स्वयं को प्रयोग धर्मी कहते हैं, प्रयोग करते रहना चाहिए
खट्टर सरकार दक्षिणी हरियाणा के एमएलए के कंधों पर ही टिकी है
दक्षिणी हरियाणा के किसानों से अन्याय तो चुनाव में किसान लेंगे बदला
फतह सिंह उजाला
पटौदी । दक्षिणी हरियाणा में बाजरा की बिक्री के लिए भटक रहे किसान और हरियाणा के दूसरी तरफ धान की एमएसपी पर की जा रही है खरीद । सरकार का यही प्रयोग भारतीय किसान संघ को किसान और कृषि हित में रास नहीं आ रहा है। भारतीय किसान संघ जो कि सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी का ही एक घटक दल माना जाता है , इसी भारतीय किसान संघ के द्वारा सीएम मनोहर लाल खट्टर को साफ साफ शब्दों में नसीहत दे दी गई है । नसीहत यह दी गई है कि सीएम खट्टर अपने आप को प्रयोग धर्मी कहते आ रहे हैं और प्रयोग उनको करते भी रहना चाहिए ।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान ने स्पष्ट रूप से बेबाक शब्दों में कहा है कि सीएम खट्टर को किसानों की लाशों पर प्रयोग नहीं करना चाहिए और इस प्रकार के प्रयोग से सरकार को भी बचकर ही रहना चाहिए । यह बात भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान के द्वारा पटौदी लघु सचिवालय परिसर में अहीरवाल क्षेत्र में किसानों के बाजरे की खरीद सरकार के द्वारा नहीं किया जाने और बाजरा बिक्री में किसानों को आ रही विभिन्न प्रकार की परेशानियों के समस्या के समाधान के संदर्भ में पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार से की गई चर्चा के उपरांत मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों से कहीं गई। भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम सिंह चौहान ने कहा की दक्षिणी हरियाणा के ही आधा दर्जन सत्ता पक्ष के एमएलए जिनमें हरियाणा सरकार के मंत्री भी शामिल हैं ,उनके द्वारा भी सीएम खट्टर से मुलाकात करके अनुरोध किया गया है कि बाजरा की खरीद में भावांतर भरपाई योजना का जो अंतर है उसको बढ़ाकर कम से कम 1000 प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए ।
किसान नेता ओम सिंह चौहान ने कहा की भारतीय जनता पार्टी और हरियाणा में सीएम खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पूरी तरह से दक्षिणी हरियाणा अथवा अहीरवाल के चुने गए भारतीय जनता पार्टी के एम एल ए के समर्थन की बदौलत ही चल रही है । उन्होंने कहा दक्षिणी हरियाणा का किसान अपने साथ सरकार के द्वारा खरीदी जा रही विभिन्न फसलों के बीच में किए जा रहे कथित राजनीतिक और किसान विरोधी प्रयोग को बिल्कुल भी सहन और स्वीकार नहीं करेगा । किसान नेता ओम सिंह चौहान ने कहा दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल क्षेत्र जहां सबसे अधिक बाजरा का उत्पादन किसानों के द्वारा किया जाता है, इस क्षेत्र के किसानों की बाजरा की सरकारी खरीद के मामले में सरकार के द्वारा अनदेखी की जाती रही तो दक्षिणी हरियाणा का किसान आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ सत्तासीन सरकार से बदला लेने में भी कोई कंजूसी नहीं करेगा ।
इसी मौके पर जब भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान से सवाल किया गया कि आज के समय में दक्षिणी हरियाणा अथवा अहीरवाल क्षेत्र से मोदी मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत और भूपेंद्र यादव जैसे इसी क्षेत्र की जमीन से जुड़े बड़े जनाधार वाले नेता मंत्री बने हुए हैं, तो क्या ऐसे में उनको दक्षिणी हरियाणा अथवा अहीरवाल क्षेत्र मैं किसानों की बाजरा की उपज सरकार के द्वारा एमएसपी पर खरीद किया जाने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा इस बात का सबसे बेहतर जवाब दक्षिणी हरियाणा की राजनीति के क्षत्रप राव इंद्रजीत सिंह और केबिनेेट मंत्री भूपेंद्र यादव ही बेहतर तरीके से देने में सक्षम हैं । वहीं इसी मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र में मंत्री चाहे राव इंद्रजीत सिंह हो या फिर केंद्र में मंत्री बनाए गए भूपेंद्र यादव । दोनों ही अहीरवाल की ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हुए नेता है । आम जनता ने अपना पैरोकार बनाकर इनको सांसद चुना और अब केंद्र में इस पद पर बैठे हुए हैं कि यह दोनों नेता चाहे तो हरियाणा में दक्षिणी हरियाणा और अहीरवाल के किसानों के हित को सर्वाेपरि रखते हुए हरियाणा सरकार पर अन्य जिलों की तरह ही दक्षिणी हरियाणा में भी बाजरा की सरकारी खरीद एमएसपी पर किया जाने के लिए केवल मात्र दवाब ही नहीं सरकार को मजबूर भी कर सकते हैं ।
गौरतलब है कि दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल क्षेत्र में बाजरा की खरीद सरकार के द्वारा नहीं की जा रही है। बाजरा की बिक्री एक प्रकार से किसानों के द्वारा मंडी के आढ़ती अथवा व्यापारियों को ही की जा रही है। खुले बाजार में बाजरा का भाव 11 से 13 सौ प्रति क्विंटल मिल रहा है । जबकि सरकार के द्वारा भावांतर भरपाई 600 प्रति क्विंटल देने की घोषणा की गई है । भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों का मानना है कि भावांतर भरपाई कम से कम 12 सौ प्रति क्विंटल बाजरा विक्रेता किसानों को उपलब्ध करवाई जाए । वही यह बात भी कही गई है कि जिन जिन किसानों का बाजरे का रजिस्ट्रेशन हो चुका है , उनका बाजरा मंडी में मंगवा कर जिस भी दाम पर बिके उसकी बिक्री सुनिश्चित करवाई जाए और इस दौरान जो भी दाम बाजरे की बिक्री का उपलब्ध हो रजिस्ट्रेशन के मुताबिक सरकार के द्वारा घोषित बाजरे का एमएसपी 2250 रुपए तक भरपाई सुनिश्चित की जाए । अब यह तो आने वाला समय ही तय करेगा की मौजूदा समय में हरियाणा सरकार के द्वारा जो फसल खरीद में भावांतर भरपाई योजना का कथित रूप से प्रयोग किया गया है । वह केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए किसान हित में बताए जा रहे कृषि कानूनों के मुताबिक किसान और कृषि हित में है या नहीं ? इसके आने वाले समय में दूरगामी परिणामों को देखते हुए दक्षिणी हरियाणा और अहीरवाल के किसान समय रहते लामबंद होना आरंभ हो चुके हैं।
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