पंजाब में ”मुफ्त बिजली योजना” पर मंडराए खतरे के बादल, उपभोक्ता को लग सकता है बड़ा झटका
पंजाब में ”मुफ्त बिजली योजना” पर मंडराए खतरे के बादल, उपभोक्ता को लग सकता है बड़ा झटका
पटियाला : राज्य में मुफ्त और सस्ती बिजली योजना को झटका लग सकता है। दरअसल, केंद्रीय सेंट्रल इलेक्ट्रसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सीईआरसी) ने बिजली उत्पादन कंपनी (जेनकोस) को एनर्जी एक्सचेंज पर महंगी बिजली बेचने की इजाजत दे दी है, यही वजह है कि राज्य में मुफ्त बिजली योजना को झटका लग सकता है। मौजूदा समय में अगले दिन के लिए 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली बेची जा सकती है, जो अब 50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी।
पंजाब को कोटा और पावर परचेज एग्रीमेंट बिजली मिलती है। जब मांग अधिक होती है, तो ऊर्जा विनिमय के माध्यम से बिजली खरीदी जाती है। इसलिए जरूरत पड़ने पर 50 रुपए प्रति यूनिट खरीद कर साढ़े चार रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद करना पावरकॉम के लिए मुश्किल है। ऐसे में महंगी बिजली का बोझ आम उपभोक्ता पर पड़ेगा नहीं तो लंबे बिजली कटौती के लिए तैयार रहना होगा।
जानकारों के मुताबिक पावरकॉम ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक मतलब एक वर्ष में 2794 करोड़ रुपए की बिजली औसतन 4.32 पैसे खर्च कर 6471 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी जबकि इस वर्ष पैसा ज्यादा खर्च किया लेकिन बिजली कम ली। 1 अप्रैल 2022 से 21 फरवरी 2023 तक 5.73 पैसे प्रति यूनिट के औसत से 2993 करोड़ रुपए में 5224 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
जानकारों ने यह कहा कि सी.आर.सी. का एक समय में 4 गुना बिजली महंगी करने की अनुमति देना जनहित में नहीं बल्कि निजी कंपनियों को सीधे लाभ पहुंचाना है। हर साल गर्मी के मौसम में औसतन 10 से 15 फीसदी बिजली की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। पिछले साल बिजली की अधिकतम मांग साढ़े 14 हजार मेगावाट थी क्योंकि इस साल गर्मी जल्दी पड़ गई है और बारिश भी कम हो गई है। इसलिए इस गर्मी के मौसम में मांग 15 हजार मेगावाट को पार कर जाएगी। इस मांग को पूरा करना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। स्वाभाविक है कि विभाग को महंगी बिजली बाहर से खरीदनी पड़ेगी, जिसका असर लोगों पर पड़ेगा।
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