लॉजिक्स ब्लॉसम में 15वें फ्लोर पर चिल्लाते रहे बच्चे लेकिन नहीं मिली मदद, सीढ़ियों से चढ़े ऊपर
नोएडा में लिफ्ट में फंसने की समस्या बढ़ी : लॉजिक्स ब्लॉसम में 15वें फ्लोर पर चिल्लाते रहे बच्चे लेकिन नहीं मिली मदद, सीढ़ियों से चढ़े ऊपर –
नोएडा : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भारी तादाद में हाईराइज सोसाइटी विकसित हो गई है। यहां पर रहने वाले निवासियों ने अपनी जमा पूंजी मकान खरीदने में लगा दी है लेकिन उन्हें सोसाइटी में मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है। हाल में दोनों शहरों में एक समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। अनेकों सोसाइटी के निवासी आए दिन लिफ्ट खराब या बिजली जाने के बाद फंस रहे हैं। बुधवार को सेक्टर-137 स्थित लाजिक्स ब्लासम काउंटी सोसायटी के ई-टावर में बुधवार को लिफ्ट अटक गई। इसमें पांच लोग 20 मिनट तक फंसे रहे, इस लिफ्ट में एक डॉगी भी था। काफी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया।
सीढ़ी लगाकर लोगों को बाहर गया निकाला
लाजिक्स ब्लासम काउंटी सोसायटी के निवासियों ने बताया कि आए दिन सोसाइटी में लिफ्ट बंद हो जाती है। बुधवार को भी सुबह आठ बजे के करीब सोसायटी के 14वें और 15वें फ्लोर के बीच लिफ्ट फंस गई थी। लोग मदद के लिए चिल्लाते रहें, लेकिन मदद नहीं मिली। टेक्नीशियन नहीं होने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई। लिफ्ट में छोटे बच्चे और बुजुर्गों भी थे। करीब 20 मिनट बाद मेंटेनेंस की टीम ने सीढ़ी लगाकर लोगों को बाहर निकाला। सोसाइटी में मेंटेनेंस देने के बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
16वीं मंजिल तक सीढ़ियों से गया बच्चा
सोसायटी के रहने वाले निवासी ने बताया कि सोसायटी में काफी देर तक लिफ्ट बंद रही। डर के मारे निवासी लिफ्ट में चढ़ने से बच रहे हैं। उनका बेटा स्कूल से लौटने के बाद 16वीं मंजिल तक सीढ़ियों से गया। सोसायटी में आए दिन लिफ्ट खराब होने की दिक्कत बनी रहती है। शिकायत की जाती है। लेकिन उसके बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। आए दिन लिफ्ट खराब हो जाती है। निवासियों को ऊंची-ऊंची इमारतों से सीढ़ियों के सहारे नीचे उतरना पड़ता है।
निवासियों का आरोप है :
इस बड़ी समस्या का कारण यह है कि बिल्डर के द्वारा लिफ्ट की देखरेख करने वाली कंपनी को पूरा पैसा नहीं दिया जाता है। इसके अलावा कंपनी की तरफ से भी घोर लापरवाही बरती जाती हैं। ऐसे में लिफ्ट की देखरेख करने वाली कंपनी और बिल्डर के बीच में निवासी फंसे हुए हैं।
नोएडा में क्यों होता है लिफ्ट का ब्रेक फेल?
लिफ्ट बनाने वाली कंपनियों का दावा है कि सोसायटी कई बार रख-रखाव का खर्चा बचाने की कोशिश करती हैं। कंपनियों का दावा है कि कई सोसायटी लिफ्ट के रख-रखाव का खर्च बचाने के लिए लोकल तकनीशियन को बुलाते हैं। विशेषज्ञों की निगरानी की जगह नॉर्मल तकनीशियन इसे देखते हैं। वो कंपनी जैसी विशेषज्ञता नहीं दे पाते हैं। ऐसे में दुर्घटना होने का खतरा मंडराता रहता है।
बढ़ रहे हैं हादसे लेकिन कोई जवाबदेह नहीं
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।
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