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चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर -1098 अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे: डीसी

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चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर -1098 अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे: डीसी

पीड़ित बच्चे को जल्द मेडिकल एड के लिए अलग से पीडियाट्रिक व्यवस्था कराएंगे

डीसी की अध्यक्षता में चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड तथा बाल संरक्षण कमेटी की बैठक

चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर-1098 के प्रति जागरूकता के लिए स्कूलों में करवाए कार्यक्रम

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
गुरूग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर -1098 की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए संबंधित विभाग विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाते हुए इनका शैड्यूल तैयार करें। इस दौरान बच्चों को ‘गुड टच-बेड टच‘ के अलावा उनसे इस विषय पर आवश्यक जानकारी सांझा करें ताकि बच्चे अपने अधिकारों के प्रति सचेत व जागरूक बने।

एक महीने में कम से कम 5 जागरूकता कार्यक्रम
डीसी अपने कार्यालय में चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड तथा बाल संरक्षण कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है, ऐसे में जिला प्रशासन का उत्तरदायित्व है कि उनके अधिकारों को संरक्षित करते हुए उन्हें शोषित होने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन नंबर के बारे में बच्चों में जागरूकता लाने के लिए संबंधित विभाग विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रमों का शैड्यूल तैयार करवाएं और निर्धारित शैड्यूल अनुसार वहां बच्चों तक इसकी सटीक जानकारी पहुचाएं। उन्होंने कहा कि वे एक महीने में कम से कम 5 जागरूकता कार्यक्रम करवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, अधिकारी पुलिस स्टेशनों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी इससे संबंधित प्रचार सामग्री चस्पा करवाएं।

तत्काल मैडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं
बैठक में बच्चों को संरक्षण प्रदान करने संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर शक्ति वाहिनी से उपस्थित प्रतिनिधियों ने उपायुक्त को चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर-1098 की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में बच्चों को मैडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने संबंधी विषय पर भी विस्तार से चर्चा की गई। शक्ति वाहिनी के सदस्यों ने बताया कि चूंकि हैल्पलाइन नंबर पर बच्चों से संबंधित शिकायतें अत्यंत संवेदनशील होती है और कई मामलों में बच्चों को मैडिकल सुविधा की भी आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को अन्य औपचारिकताओं से पूर्व तत्काल मैडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए डीसी ने कहा कि वे इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखते हुए अलग से पीडियाट्रिक की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करेंगे ताकि पीड़ित बच्चों का जल्द से जल्द उपचार किया जा सके।

वन स्टॉप सैंटर का डीसी जल्द करेंगे दौरा
इसके साथ ही बैठक में घरेलू हिंसा व दुष्कर्म की शिकार पीड़ित महिलाओं के उत्थान के लिए बनाए गए वन स्टॉप सैंटर में दी जाने वाली सुविधाओं व सेवाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित महिला एवं बाल विकास विभाग से कार्यक्रम अधिकारी नेहा दहिया ने उपायुक्त को बताया कि वन स्टॉप सैंटर सिविल लाइन्स स्थित बाल उद्यान भवन के निकट स्थापित किया गया है जिसका विस्तार किया जा रहा है। इस सैंटर में पीड़ित महिलाओं की काउंसलिंग के साथ साथ अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरा करने में उनकी सहायता की जाती है। डीसी ने कहा कि वे जल्द ही वन स्टॉप सैंटर का दौरा कर इसके विस्तार के लिए चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लेंगे। बैठक में एसीपी हैडक्वार्टर नवीन , जिला बाल संरक्षण अधिकारी ऋतु रानी, बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन सुनील कोहली तथा चाइल्ड लाइन से सुरभि सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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