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Chandrayaan-3: चांद पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत

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Chandrayaan-3: चांद पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत

भारत के इतिहास रचने की तारीख का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसरो 14 जुलाई को अपना चंद्र मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च करने वाला है। हाल ही में इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण अब 14 जुलाई, 2023 को अपराह्न 2:35 बजे एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र), श्रीहरिकोटा से निर्धारित है। वहीं भारत के इस मिशन को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इस सप्ताह इसरो द्वारा लांच होने वाले चंद्रयान-3 मिशन से भारत चांद की सतह पर यान उतारने वाला चौथा देश बना जाएगा।

6 पहियों वाला रोवर चंद्रमा पर 14 दिनों तक करेगा कार्य

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के शासन-काल में अंतरिक्ष मामले में बड़ी विशेषज्ञता हासिल करने के बाद भारत चंद्रमा पर जाने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता। चंद्रयान-3 चंद्रयान 2 का अगला मिशन है जिसका लक्ष्य चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और वहां की जमीन पर चलना है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 में कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि वह आसानी से चांद की सतह पर उतर सके। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद 6 पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और चंद्रमा पर 14 दिनों तक कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहा कि रोवर पर कई कैमरों के सहयोग से हम तस्वीरें प्राप्त कर सकेंगे।

अंतरिक्ष कर्मियों के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे अग्रणी निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को पूर्ण श्रेय देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विकास की वर्तमान गति के आधार पर आने वाले वर्षों में हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने चंद्रयान-3 मिशन के तीन प्राथमिक उद्देश्य बताए
(1) चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का प्रदर्शन
(2) चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन
(3) इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन

चंद्रयान-1 ने की चांद पर पानी की खोज

उन्होंने याद दिलाया कि चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति की खोज करने का श्रेय चंद्रयान प्रथम अर्थात् चंद्रयान-1 को दिया जाता है, जो दुनिया और सबसे प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए एक नई खोज थी और यहां तक कि नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) इस खोज से आकर्षित हुआ और उन्‍होंने अपने आगे के प्रयोगों के लिए इस इनपुट का उपयोग किया।

चंद्रयान-3 भी देगा महत्वपूर्ण डाटा

वहीं उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 अगले स्तर पर काम करेगा। अंतरिक्ष यान अपने लॉन्‍च के लिए इसरो द्वारा विकसित लॉन्च व्हीकल मार्क-3 का उपयोग करेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मॉड्यूल भी पेलोड के साथ कार्य रूप में हैं, जो वैज्ञानिक समुदाय को चंद्र मिट्टी और चट्टानों के रासायनिक व मौलिक संरचना सहित विभिन्न गुणों पर डेटा प्रदान करेगा।

इसके साथ ही उन्होने कहा कि चंद्रयान-3 के लॉन्‍च को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान-2 से उन्नत चंद्रयान-3 में लैंडर की मजबूती बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी संशोधन टैस्‍ट बेड्स के माध्यम से विस्तृत जमीनी परीक्षणों और सिमुलेशन के अनुसार हैं।

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